जिले में बढ़े कोरोना के सीरियस मरीज, लेकिन कोई दिक्कत नहीं

जिले में बढ़े कोरोना के सीरियस मरीज, लेकिन कोई दिक्कत नहीं

जिले में बढ़े कोरोना के सीरियस मरीज, लेकिन कोई दिक्कत नहीं

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा में बीते कुछ दिनों में कोरोना के सीरियस मरीजों की संख्या में अचानक बड़ा इजाफा हुआ है। एक समय में जहां नोएडा में कोरोना के मरीजों में सिर्फ 10 फीसदी को ही ऑक्सीजन की जरूरत थी, वहीं अब ये संख्या अचानक कई गुना बढ़ गई है।

5 मार्च से 29 मई के बीच जहां भर्ती 60 मरीजों में से सिर्फ सात को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही थी। लेकिन 8 जून तक ये संख्या 39 हो गई और इनमें से पांच मरीजों को वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा। इस संख्या के साथ करीब 20 फीसदी मरीजों को सीरियस घोषित करते हुए नोएडा के दो अलग-अलग अस्पतालों में चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया।

सिर्फ इसी कारण हुआ क्योंकि मरीज देर से अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि नोएडा के दो प्रमुख कोरोना अस्पताल जीआईएमएस और शारदा हॉस्पिटल में फिलहाल 184 मरीज इलाज करा रहे हैं। लेकिन ये जरूर है कि नोएडा में मरीज देरी से अस्पताल पहुंचे हैं और इसी कारण सीरियस मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है।

इसके अलावा कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नोएडा का प्रशासन फिलहाल सिर्फ कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की ही जांच कर रहा है। आईसीएमआर की गाइडलाइन में भी यह कहा गया है कि जिन लोगों में किसी फ्लू के लक्षण हैं, उनकी ही जांच कराई जाए। आंकड़ों पर गौर करें तो नोएडा में फिलहाल 221 कोरोना मरीज हैं।

नोएडा के नोडल ऑफिसर नरेंद्र भूषण का कहना है कि भले ही अधिक कोरोना मरीज सामने आ रहे हों, लेकिन सीरियस मरीजों का प्रतिशत अब भी काफी कम है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बेड्स और वेंटिलेटर मौजूद हैं और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।

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