Tricity Today | जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एग्रीमेंट पर हुए साइन, बन गया इतिहास
भारत ही नहीं एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ठेका हासिल करने वाली इस कंपनी के साथ एग्रीमेंट साइन हो गया है। अब से कुछ देर पहले यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के ग्रेटर नोएडा स्थित कार्यालय में स्विट्जरलैंड से आए कंपनी प्रतिनिधियों ने एग्रीमेंट पर साइन किए हैं। भारत की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने किए हैं। इसके साथ ही 29500 करोड रुपए की यह परियोजना मूर्त रूप ले चुकी है। अब बहुत जल्दी एयरपोर्ट निर्माण शुरू करने के लिए शिलान्यास करवाया जाएगा।
करार के लिए यमुना प्राधिकरण के दफ्तर को सजाया गया है। आंगतुकों के स्वागत के लिए प्रवेश द्वार बनाया गया है। सीढिय़ों को गमलों से सजाया गया है। प्राधिकरण इस ऐतिहासाहिक क्षण को बेहतर बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
देश के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट से गौतमबुद्ध नगर ही नहीं एनसीआर और पूरे उत्तर भारत की सूरत बदल जाएगी। एयरपोर्ट की बदौलत यहां अगले एक दशक में करीब 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। यहां एमआरओ, कारगो और वेयर हाउसिंग हब विकसित होंगे। सैकड़ों देसी-विदेशी कंपनियों ने निवेश का खाका खींच लिया है। आज यमुना प्राधिकरण का दफ्तर एयरपोर्ट निर्माण के करार का गवाह बना है। जिसके साथ ही देश के विकास की राह में नया मील का पत्थर गाड़ा दिया गया है। करार में ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी के बड़े अधिकारी मलेशिया और स्विटजरलैंड से ऑनलाइन जुड़े और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एग्रीमेंट पर साइन हुए है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होगा। कंपनी ने इसके लिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एसपीवी बनाई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिसटॉप स्केलमन करार पर दस्तखत किए है।
कोरोना महामारी के चलते ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस की गई है। एयरपोर्ट के नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि इस करार में स्विस कंपनी के बड़े अफसर मलेशिया और स्विटरलैंड से ऑनलाइन जुड़े है। इस ऐतिहासिक पल को गवाह बनाने के लिए प्राधिकरण दफ्तर को सजाया गया है।
विकासकर्ता कंपनी द्वारा गठित एसपीवी की सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने के 45 दिन के भीतर कंशेसन एग्रीमेंट होना जरूरी होता है। एसपीवी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस गत 18 मई को मिली थी। यानी 2 जुलाई तक एग्रीमेंट होना जरूरी था। कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्ररीय उड़ानों पर प्रतिबंध था। इसके चलते 17 अगस्त तक इसकी तिथि बढ़ाई गई थी। हालात सामान्य नहीं होने पर इसकी तिथि फिर 15 अक्टूबर तक की गई।
नियाल कंपनी में अब चार हिस्सेदार हैं
एयरपोर्ट के लिए बनी सरकारी कंपनी में चार हिस्सेदार हैं। राज्य सरकार और नोएडा प्राधिकरण की 37.5-37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
अब भारतीय विमानों का मेंटीनेंस भी यहीं होगा
यहां पर एमआरओ ( विमानों का मेंटीनेंस, रिपेयरिंग व ओवरहालिंग) हब विकसित किया जाएगा। साथ ही एयर कारगो व वेयर हाउसिंग हब बनाया जाएगा। इन योजनाओं से ना केवल रोजगार मिलेगा बल्कि करोड़ों रुपये का निवेश आएगा।
फिल्म सिटी और टॉय सिटी बाई जाएंगी
एयरपोर्ट के आने से गौतम बुद्ध नगर जिला ही नहीं बल्कि पूरा एनसीआर इससे लाभान्वित होगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सैकड़ों देसी-विदेशी कंपनियों ने जमीन आवंटन करा लिया है। यहां पर फिल्म सिटी, ट‘वाय सिटी (खिलौना नगरी), मेट्रो कोच बनाने की फैक्ट्री, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, एमएसएमई पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा।
मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से बदलेगी तस्वीर
जेवर से दिल्ली और अन्य शहरों के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। मेट्रो, अल्ट्रा पीआरटी, एलिवेटेड रोड, रैपिड रेल समेत कई विकल्पों पर काम चल रहा है। नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के मुताबिक, एयरपोर्ट आने से यहां करीब 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
डीयू के बच्चों ने गमलों में पेंटिंग की
यमुना प्राधिकरण दफ्तर को सजा दिया गया है। गमलों में पेंटिंग बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट विभाग के विद्यार्थी आए थे। उन्होंने गमलों को सजा दिया। साथ ही पूरे प्राधिकरण दुरुस्त किया गया है। गमलों को बदल दिया गया। व्हाइट वॉश भी कराया गया है। दो प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।