अब यूपी इन पांच आईपीएस पर लटकी निलंबन की तलवार, ये हैं गंभीर आरोप और सबूत

अब यूपी इन पांच आईपीएस पर लटकी निलंबन की तलवार, ये हैं गंभीर आरोप और सबूत

अब यूपी इन पांच आईपीएस पर लटकी निलंबन की तलवार, ये हैं गंभीर आरोप और सबूत

Internet | पांचों आरोपी आईपीएस अधिकारी

गौतमबुद्ध नगर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण की ओर से यूपी के 5 आईपीएस अफसरों के खिलाफ शासन को भेजी गई रिपोर्ट पर एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।gangaडीजी अवस्थी की गिनती साफ छवि के अफसरों में होती है। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि आरोपी अफसरों पर जो भी कार्रवाई बनेगी, उसकी वह जरूर सिफारिश करेंगे।gangaमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विजिलेंस के निदेशक डीजी हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी को 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। gangaवैभव कृष्ण ने पांचों अफसरों और गैंगस्टर के आरोपी कथित पत्रकारों के बीच सांठगांठ को जिन सबूतों के आधार पर स्थापित किया है, उन सबूतों को नकारना संभव नहीं हो पाएगा।

गौतमबुद्ध नगर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण की ओर से यूपी के 5 आईपीएस अफसरों के खिलाफ शासन को भेजी गई रिपोर्ट पर एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, रिपोर्ट में जिन 5 आईपीएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं, उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी। सरकार पांचों को पहले ही प्राइम पोस्टिंग से हटाकर शंट कर चुकी है। वैभव कृष्ण ने पांचों अफसरों और गैंगस्टर के आरोपी कथित पत्रकारों के बीच सांठगांठ को जिन सबूतों के आधार पर स्थापित किया है, उन सबूतों को नकारना संभव नहीं हो पाएगा। जानकारों का मानना है कि इन साक्ष्यों के आधार पर पर अफसरों पर निलंबन की गाज तो गिरेगी ही सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना लगभग तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विजिलेंस के निदेशक डीजी हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी को 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। डीजी अवस्थी की गिनती साफ छवि के अफसरों में होती है। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि आरोपी अफसरों पर जो भी कार्रवाई बनेगी, उसकी वह जरूर सिफारिश करेंगे।

किस आईपीएस पर क्या आरोप हैं और वैभव कृष्ण ने क्या साक्ष्य दिए
1. अजय पाल शर्मा
गैंगस्टर के आरोप में जेल में बंद कथित पत्रकार चंदन राय से बातचीत के दो क्लिप हैं। इसमें मेरठ में तैनाती के लिए 80 लाख रुपये के लेनदेन की बात है। चंदन राय ने पोस्टिंग के लिए अतुल शुक्ला और स्वप्निल राय से बातचीत की है। इस बातचीत के भी साक्ष्य हैं। जिस महिला ने नोएडा में एसएसपी रहते हुए अजय पाल शर्मा पर शोषण के आरोप लगाए थे, उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने और चंदन राय द्वारा पुलिस कस्टडी में रखे गए उसके मोबाइल से फोटो, विडियो व अन्य डाटा डिलीट करवाने के भी प्रूफ मिले हैं। यह सारे सबूत साइबर इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम ने रिकवर किए हैं। जो गिरफ्तार किए गए कथित चारों पत्रकारों के मोबाइल फोन्स का विश्लेषण करने के बाद पुलिस ने हासिल किए थे।

हिमांशु कुमार
इनके खिलाफ अभियुक्त अतुल शुक्ला और चंदन राय के साथ मोबाइल पर ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ी बातचीत करने के सबूत मिले हैं। इसमें बिजनौर में तैनाती के लिए 30 लाख रुपये, बरेली के लिए 40 लाख रुपये और आगरा में तैनाती के लिए 50 लाख रुपये के लेनदेन की बातचीत हैं। नोएडा पुलिस को अतुल और हिमांशु कुमार के बीच हुई चैट के साक्ष्य मिले हैं।

सुधीर कुमार सिंह
सुधीर कुमार सिंह और अभियुक्त चंदन राय के बीच एसएमएस चैट मिली हैं। इसमें चंदन राय इंस्पेक्टर संजय वर्मा को गाजियाबाद के सिंहानी गेट थाने का इंचार्ज बनवाने की पैरवी कर रहा है। सुधीर सिंह ने सिहानी गेट के लिए मना कर दिया। इस पर चंदन राय ने उसे विजय नगर थाने में पोस्ट करने और उससे जुड़े शेड्यूल की मांग की है। इस पर सुधीर ने शाम को आने के लिए कहा है।

गणेश साहा
गणेश साहा के खिलाफ चंदन राय से एसएमएस चैट का विवरण नोएडा पुलिस को मिला है। इसमें मौरंग के ट्रक निकलवाने और उसकी एवज में पेयमेंट आने की बात कही जा रही हैं। एसपी बांदा के साथ हुई इस चैट का विवरण गाजियाबाद के राजेश राय को भेजा गया है। कहा गया है कि एसपी से बात हो गई है, गाड़ियां निकलवाने से पहले टोकन देना होगा। राजेश राय से बैंक एकाउंट डिटेल और पैसे भेजने के बारे में भी बात हुई है। एसपी बांदा ने गाड़ियां निकलवाने का आश्वासन दिया है।

राजीव नारायण मिश्रा
तत्कालीन एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने इनके कुशीनगर में एसपी रहने के दौरान नीतीश पाण्डेय के साथ चैट का विवरण साक्ष्य के रूप में रिपोर्ट के साथ दिया है। आरोप है कि अभियुक्त के कहने पर इन्होंने आपराधिक छवि के कॉन्स्टेबल अनिल तिवारी को एक माह के लिए जिले से अटैच किया था। उस कांस्टेबल पर शराब तस्करी में लिप्त होने का आरोप था। इस कॉन्स्टेबल को रामपुर में पोस्ट करवाने के लिए तत्कालीन एसपी अजय पाल से भी नीतीश पाण्डेय ने पत्र लिखवाया था।
कुल मिलाकर इस पूरे मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आचार संहिता तोड़ने के आरोप में आईपीएस वैभव कृष्ण पर तो तत्काल निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। अब एसआईटी की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद इन पांचों आईपीएस अधिकारियों पर भी निलंबन से लेकर मुकदमा दर्ज तक होने की कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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