Google Image | एसआईटी 7 दिनों में नहीं अब 10 दिनों में सौंपेगी योगी सरकार को रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और उसकी मौत के मामले की जांच कर रही एसआईटी सात दिन में अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी है। एसआईटी को आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन एसआईटी की जांच का दायरा बढ़ाया गया है। ऐसे में सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव गृह की तरफ से 10 दिन का अतिरिक्त समय एसआईटी को दिया गया है। बुधवार को योगी ने इसके लिए मंजूरी दी है। आज सुबह एक बार फिर एसआईटी पीड़ित के गांव पहुंची है। टीम आज गांव में पड़ताल करेगी।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने हाथरस मामले में एसआईटी को जांच के लिए 10 दिन का और समय दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि सरकार कोई भी काम तय समय सीमा में पूरा नहीं कर रही, सात दिन में जांच करने का समय दिया गया था अब 10 दिन का समय और मांग रही है। इसका मतलब सरकार और प्रशासन कोई न कोई गड़बड़ तो है।
एसआईटी जांच टीम में भगवान स्वरूप के अलावा डीआईजी चंद्र प्रकाश द्वितीय और एसपी पूनम बतौर सदस्य शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान 100 से ज्यादा लोगों के बयान कलम बंद किए हैं। इसमें गैंगरेप पीड़िता के परिवार के अलावा अभियुक्तों‚ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के बयान भी शामिल हैं। इस मामले में कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। इसके पहले ही हाथरस के एसपी और पुलिस उपाधीक्षक समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।
दरअसल, एसआईटी की जांच का दायरा और समय यूं ही नहीं बढ़ाया गया, इसके अपने कारण है। जानकार बताते हैं कि एसआईटी पीएफआई कनेक्शन और आरोपियों के पक्ष में बूलगढ़ी गांव में हो रही लामबंदी की जांच भी कर रही है। सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। लेकिन अभी तक गृह मंत्रालय की तरफ से स्वीकृति नहीं दी गई है। इस बीच 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट में इस प्रकरण में सुनवाई होनी है। मंगलवार को जिला जज हाथरस की अगुवाई में न्यायिक टीम ने गांव पहुंचकर पड़ताल की थी, जो अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट भेजेगी।
जांच से जुड़े जानकारों का मानना है कि एसआईटी जांच पूरी होने की जानकारी अगर यूपी सरकार हाईकोर्ट में देती है तो उसके द्वारा की गई जांच और शैली पर हाईकोर्ट कोई सवाल उठाते हुए कार्यवाही के निर्देश दे सकता है। ऐसे में जांच जारी रहेगी तो और हाईकोर्ट कोई सवाल या टिप्पणी करता है तब एसआईटी उसको भी जांच के दायरे में ले लेगी। गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसलिए सरकार ने एसआईटी जांच टीम को 10 दिन का समय और दिया है, जिससे हाईकोर्ट में यह बताया जा सके अभी एसआईटी जांच चल रही है।
दिल्ली के कोंडली विधानसभा सीट से विधायक कुलदीप कुमार बीते रविवार को आप सांसद संजय सिंह व तीन अन्य नेताओं के साथ हाथरस गैंगरेप पीड़ित युवती के परिवार वालों से मुलाकात की थी। इससे पांच दिन पहले 29 सितंबर को कुलदीप कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इस बाबत उन्होंने ट्वीट भी किया था। विधायक के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने मंगलवार को बूलगढ़ी गांव को सैनिटाइज किया गया था। लोगों को मास्क भी बांटे गए। गांव के लोगों के सैंपल भी लिए गए हैं। इससे पहले पीड़ित परिवार का सैंपल लिया चुका है। इंस्पेक्टर चंदपा लक्ष्मण सिंह ने बताया कि आप विधायक के खिलाफ कोविड-19 महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।