सुदीक्षा के परिवार को मिली 20 लाख की आर्थिक मदद, सुरेंद्र सिंह नागर ने 5 लाख दिए

सुदीक्षा के परिवार को मिली 20 लाख की आर्थिक मदद, सुरेंद्र सिंह नागर ने 5 लाख दिए

सुदीक्षा के परिवार को मिली 20 लाख की आर्थिक मदद, सुरेंद्र सिंह नागर ने 5 लाख दिए

Tricity Today | सुदीक्षा के परिवार को मिली 20 लाख की आर्थिक मदद, सुरेंद्र सिंह नागर ने 5 लाख दिए

ग्रेटर नोएडा में डेरी स्कैनर गांव के निवासी राजेंद्र भाटी की बेटी सुदीक्षा भाटी की एक सड़क हादसे के दौरान बुलंदशहर में मौत हो गई थी। सुदीक्षा भाटी एक होनहार छात्रा थीं। उन्हें छात्रवृत्ति के आधार पर अमेरिका में दाखिला मिला था। 

राज्यसभा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार को 15 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। दूसरी ओर खुद सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। रविवार को सुरेंद्र सिंह नागर ने दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर की मौजूदगी में आर्थिक सहायता का चेक परिजनों को सौंपा है।

सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा, "सुदीक्षा भाटी परिवार की महत्वाकांक्षा और सपनों का आधार थी। वह बेहद होनहार छात्रा थी। परिवार की उम्मीद उसके ऊपर टिकी हुई थी। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिस्थितियों को समझते हुए 15 लाख रुपये से परिवार की आर्थिक मदद की है। आज सुदीक्षा के परिजनों को सरकार की ओर से चेक दे दिया गया है। मैं, दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर और अपर जिलाधिकारी ने सुदीक्षा के माता-पिता को यह चेक सौंप दिया है।"

सुरेंद्र सिंह नागर ने बताया कि उन्होंने भी अपनी ओर से परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है। इस तरह सुदीक्षा भाटी के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल गई है। आपको बता दें कि 10 अगस्त की सुबह सुदीक्षा भाटी अपने चचेरे भाई के साथ बुलंदशहर में औरंगाबाद क्षेत्र में मामा के घर जा रही थी। औरंगाबाद कस्बे से कुछ पहले एक बुलेट सवार ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। जिससे सुदीक्षा भाटी सड़क पर गिर पड़ी। गंभीर रूप से घायल हो गई और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उन्होंने दम तोड़ दिया। 

सुदीक्षा भाटी एक होनहार छात्रा थी। उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई थी। सुदीक्षा के पिता राजेंद्र भाटी चाय की दुकान चलाते हैं। कारोबार में घाटा होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बावजूद सुदीक्षा ने मेहनत की। कक्षा 6 से उसने एचसीएल फाउंडेशन के स्कूल विद्याज्ञान में पढ़ाई शुरू की। 12वीं पास करने के बाद उसे अमेरिका से स्नातक करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी। सुदीक्षा भाटी सीबीएसई की टॉपर रही थीं। 

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अप्रैल के महीने में वह अमेरिका से अपने घर वापस लौट आई थीं। 12 अगस्त को सुदीक्षा अमेरिका वापस लौटना था। लेकिन उससे पहले ही वह 10 अगस्त को हादसे का शिकार हो गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुदीक्षा भाटी की याद में एक प्रेरणा स्थल और पुस्तकालय बनाने की घोषणा भी की है। प्रेरणा स्थल और पुस्तकालय सुदीक्षा के गांव देरी स्केनर में बनाया जाएगा।

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