Tricity Today | संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और नीरज शेखर
समाजवादी पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, नीरज शेखर और संजय सेठ के चुनाव को पर तलवार लटक गई है। इन तीनों सांसदों के राज्यसभा से इस्तीफा देने और चंद दिनों बाद दोबारा उसी सीट से चुनाव लड़कर वापस सदन में पहुंचने की प्रक्रिया को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।
लखनऊ के रहने वाले अभिषेक तिवारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अभिषेक तिवारी ने इस याचिका के माध्यम से एक वारंट की प्रार्थना की है। राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, नीरज शेखर और संजय सेठ से पूछा गया है कि राज्यसभा के सदस्य का पद किस अधिकार के तहत ले रहे हैं। इन लोगों ने जुलाई और अगस्त 2019 में राज्यसभा के पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर उसी सीट से इन तीनों लोगों ने उप-चुनाव लड़ा, जो सीट इनके इस्तीफे से खाली हुई थीं।
अभिषेक तिवारी का तर्क है कि जिस कार्यालय से उन्होंने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था, उसी कार्यालय में उनका पुन: निर्वाचन राष्ट्र के प्रशासन की संवैधानिक योजना के अनुसार नहीं है, जैसा कि संविधान में उल्लिखित है। इस मामले में विचार के लिए सवाल यह है कि क्या एक संवैधानिक पदाधिकारी, जिसने अपने कार्यालय से इस्तीफा दे दिया है, उसको उसी पद के लिए फिर से नियुक्त या फिर से चुना जा सकता है, जिससे उसने इस्तीफा दिया है?
याची का कहना है कि 2 जुलाई को समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सदस्य नीरज शेखर ने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। जिसे राज्यसभा के सभापति ने विधिवत स्वीकार कर लिया। इसके बाद समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर ने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। जिसे राज्यसभा के सभापति ने स्वीकार कर लिया। 5 अगस्त को संजय सेठ ने राज्यसभा के सदस्य समाजवादी की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। जिसे राज्यसभा के सभापति ने विधिवत स्वीकार कर लिया।
9 सितम्बर को भारत निर्वाचन आयोग ने नीरज शेखर, सुरेंद्र सिंह नागर और संजय सेठ द्वारा खाली की गई सीटों के लिए उपचुनाव को अधिसूचित किया। 12 सितम्बर को संजय सेठ और सुरेंद्र सिंह नागर ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। दोनों लोग लखनऊ में भाजपा के उम्मीदवार निर्वाचित हुए। 14 सितम्बर को नीरज शेखर ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लखनऊ में राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया।
19 सितम्बर को तीनों व्यक्तियों ने तीन सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि के दिन राज्यसभा के सदस्य के लिए नीरज शेखर, सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ को निर्वाचित घोषित किया गया। पद की शपथ लेने के बाद वे राज्यसभा के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं। ये तीनों सीट इन्हीं तीन व्यक्तियों के इस्तीफे से खाली हुई थीं। अब उसी कार्यालय के लिए उनका चुनाव दोबारा किया गया है। यह चुनाव संविधान द्वारा प्रदान की गई प्रशासन की योजना के खिलाफ है। इसलिए यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई है।