Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
गाजियाबाद में लुटेरों ने मंगलवार सुबह एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। न्यू लिंक रोड पर मंगलवार तड़के सुबह एक अमेरिकन कंपनी के एचआर मैनेजर के साथ पुलिसकर्मी बनकर आए। जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया है, उसे देखकर पुलिस का मानना है कि आशु जाट गैंग के सदस्यों ने यह वारदात की है। हालांकि दिनभर पुलिस मामले से पल्ला झाड़ती रही। आसानी से मीडिया को जानकारी नहीं दी गई। जब पीड़ित सामने आया तो पुलिस ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच शुरू कर दी गई है जल्दी ही लुटेरे गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कार सवार बदमाशों ने उनके साथ मारपीट की। उनका मोबाइल फोन और लग्जरी कार लूट ले गए। घटना सुबह पौने पांच बजे की है। परेशान एचआर मैनेजर को कोई मदद नहीं मिली। करीब आधे घंटे तक वह पुलिस से संपर्क करने के लिए इधर-उधर चक्कर काटते रहे। करीब सुबह 6:30 बजे एक राहगीर के फोन से उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।
सूचना मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने बताया कि जानी (मेरठ) के रहने वाले वविक्षोभ मणि एक अमेरिकन कंपनी के एचआर मैनेजर हैं। विक्षोभ मणि का कार्यालय नोएडा सेक्टर-63 में है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि वह करीब आठ साल से रोज मेरठ से नोएडा ड्यूटी के लिए आवागमन करते हैं। सोमवार को उनकी रात में शिफ्ट थी।
विक्षोभ मणि ने बताया कि मंगलवार की सुबह ड्यूटी खत्म होने के बाद वह घर लौट रहे थे। वह जब न्यू लिंक रोड पर आए तो पीछे से आए कार सवार बदमाशों ने उन्हें ओवरटेक करके रोक लिया। पुलिसकर्मी बनकर पहले एक बदमाश उनके पास आया। उसने ओवर स्पीड का आरोप लगाते हुए गाड़ी का शीशा खोलने को कहा। उन्हें भी लगा शायद यह पुलिसकर्मी हैं। ऐसे में उन्होंने शीशा खोल दिया। इतने में दूसरा बदमाश आया और खिड़की में हाथ डालकर गेट खोल दिया। तुरन्त दो बदमाश और आए। उन्हें गाड़ी से खींचकर बुरी तरह से पीटा गया। इसके बाद उनकी गाड़ी में सवार होकर फरार हो गए।
विक्षोभ मणि ने बताया कि बदमाश जब उनके साथ मारपीट करने लगे तो उन्होंने मारपीट नहीं करने का निवेदन किया। उनके पैर में पहले से रॉड डली हुई है। इसके बाद बदमाशों ने उनके पैरों पर ही मारना शुरू कर दिया। पुलिस का मानना है कि यह वारदात आशू गैंग जाट के बदमाशों ने अंजाम दी है। इस तरह की हरकतें इसी गिरोह के बदमाश करते हैं।
यह घटना मंगलवार सुबह पौने पांच बजे की है। घटना स्थल के आसपास पुलिस की गश्त नहीं थी। काफी देर तक पुलिस को घटना की जानकारी ही नहीं मिली। विक्षोभ मणि का आरोप है कि आधे घंटे बाद एक राहगीर की मदद से उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने मौके पर पहुंचने में आधा घण्टा लगाया।
दूसरी ओर गाजियाबाद शहर के कारोबारियों में पुलिस के प्रति नाराजगी है दरअसल कंस्ट्रक्शन कारोबारी विक्रम त्यागी के अपहर्ताओं को अब तक पुलिस नहीं ढूंढ पायी है। बदमाशों ने गाड़ी समेत उन्हें अगवा कर लिया था। इस मामले को लेकर राजनगर एक्सटेंशन के विभिन्न आरडब्ल्यूए संगठनों व अन्य संगठन के प्रतिनिधि रोज प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को बिल्डर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एसएसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है। महज 15 दिन के अंदर में हुई इस दूसरी वारदात ने पुलिस की गश्त और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है।