Uttar Pradesh : अगर पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं तो ये 10 प्रमाण पत्र तैयार करवा लें, नामांकन के साथ लगाने पड़ेंगे

Uttar Pradesh : अगर पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं तो ये 10 प्रमाण पत्र तैयार करवा लें, नामांकन के साथ लगाने पड़ेंगे

Uttar Pradesh : अगर पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं तो ये 10 प्रमाण पत्र तैयार करवा लें, नामांकन के साथ लगाने पड़ेंगे

Tricity Today | Uttar Pradesh Panchayat Chunav 2020

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत चुनाव के लिए गांवों में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। संभावित उम्मीदवार अभी से अपना दावा ठोकने लगे हैं। प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार भी इस मर्तबा पंचायत चुनाव के लिए तमाम तरह के नियम-कायदों में बदलाव कर रही है। जिसके चलते आने वाले पंचायत चुनाव में 10 जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। ग्राम पंचायसदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए लोगों को अपने नामांकन पत्रों के साथ यह 10 दस्तावेज (प्रमाण पत्र) लगाने पड़ेंगे। अगर इनमें से कोई एक भी दस्तावेज कम पड़ गया तो नामांकन खारिज कर दिया जाएगा। लिहाजा, बड़ी संख्या में लोग अभी से यह प्रमाण पत्र बनवाने लगे हैं।

पंचायत चुनाव लड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज

  1. आधार कार्ड
  2. वोटर आईडी कार्ड
  3. बच्चों की जानकारी वाला शपथ पत्र जिसमें 2 से ज्यादा बच्चे ना हो (तहसील से बनेगा)
  4. पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र (थाने से व ऑनलाइन)
  5. मूल निवास पत्र ऑनलाइन
  6. संपत्ति का घोषणा पत्र जिसमें चल व अचल संपत्ति का विवरण हो (तहसील से)
  7. जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन
  8. जमानत राशि
  9. शौचालय संबंधित प्रमाण पत्र (तहसील से)
  10. शैक्षिक योग्यता

इस बार उत्तर प्रदेश में दो से ज्यादा बच्चों वाले पंचायतों का चुनाव नहीं लड़ेंगे

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कोरोना वायरस संक्रमण से निजात मिलने के तुरंत बाद राज्य सरकार पंचायत चुनाव करवाएगी, लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। मसलन, उत्तर प्रदेश सरकार हरियाणा की तर्ज पर दो बच्चों का प्रतिबंध लागू करने पर विचार कर रही है। मतलब, अब वह लोग पंचायत का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जिनके बच्चों की संख्या 2 से ज्यादा है। इसके अलावा महिलाओं को पंचायत चुनाव के प्रति और ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए भी राज्य सरकार विचार कर रही है। इससे जुड़े फैसले की घोषणा जल्दी ही की जा सकती है।

पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी

ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चनावों से जुड़ी बड़ी खबर है। योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी में पंचायत चुनावों की उम्मीदवारी को लेकर बड़े बदलाव करेगी। दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाएगी। जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार यह बड़ा फैसला लेगी। दो से अधिक बच्चे वाले महिला-पुरुष उम्मीदवार पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित होंगे। इसके अलावा पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी।

महिला और आरक्षित वर्ग के लिए शैक्षिक योग्यता न्यूनतम 8वीं पास होगी

ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए शैक्षिक योग्यता न्यूनतम 8वीं पास होगी। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 12वीं पास उम्मीदवार होना चाहिए। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए महिला व आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने का नियम उत्तर प्रदेश सरकार लागू करने जा रही है। इसके लिए पंचायतीराज एक्ट में संशोधन किया जाएगा। जिसके लिए बहुत जल्द पंचायतराज मंत्री कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकते हैं।

कोविड-19 के कारण पंचायत चुनाव की तैयारियां सरकार और आयोग नहीं कर सके

मिली जानकारी के मुताबिक पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक विधानसभा के अगले सत्र में पेश होगा। अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नया कानून लागू किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते यूपी में तय समय पर पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी नही हुई हैं। अब चुनाव अगले साल अप्रैल में होंगे। पहले दिसम्बर 2020 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाया जाना था।

पंचायत राज विभाग ने बदलाव करने के लिए कानूनी सलाह मशवरा शुरू किया

शासन से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत राज विभाग ने इन बदलावों को लागू करने के लिए कानूनी सलाह मशवरा शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार अध्ययन कर रही है कि देश के किन-किन राज्यों ने पंचायती राज व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव किए हैं। मसलन, हरियाणा सरकार ने पिछले पंचायत चुनाव से ठीक पहले शैक्षिक योग्यता से जुड़ा उपबंध लागू किया था। जिसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। हालांकि, न्यायालय ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसी तरह देश के कई राज्यों में आरक्षण, संतानों की संख्या, शैक्षिक योग्यता और लैंगिक आधार पर बदलाव किए गए हैं।

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