Noida: मास्क या ग्लब्स फेंकने वालों पर 5,000 जुर्माना लगेगा

Noida: मास्क या ग्लब्स फेंकने वालों पर 5,000 जुर्माना लगेगा

Noida: मास्क या ग्लब्स फेंकने वालों पर 5,000 जुर्माना लगेगा

Google Image | उपयोग करने के बाद फेंके गए ग्लव्स।

रविवार को नोएडा विकास प्राधिकरण ने इस नए नियम की घोषणा की है gangaप्राधिकरण ने मास्क और ग्लव्स के निस्तारण पर एक एडवाइजरी जारी की थी gangaइसके बावजूद नोएडा शहर के लोग सीधे कूड़े में मास्को ग्लव्स फेंक रहे हैं

नोएडा विकास प्राधिकरण ने रविवार को एक नए नियम की घोषणा की है। जिसके तहत मास्क, ग्लव्स या पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) को सीधे कूड़ा-कचरा में फेंकने वालों पर ₹5000 का अर्थदंड लगाया जाएगा। इन चीजों को निस्तारित करने के लिए करीब 15 दिन पहले विकास प्राधिकरण की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई थी। जिसका लोग पालन नहीं कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 अप्रैल को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य कर दिया था। उसके अगले दिन नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर वासियों से एक अपील की थी। कहा था कि कोई भी सीधे मास्क और ग्लव्स कूड़े में नहीं फेंके। इसके लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है। लोग ऐसी संक्रामक वस्तुएं उस एजेंसी को उपलब्ध करवा दें। इस अपील के बावजूद लोग लगातार मास्क और ग्लव्स सीधे कचरे में फेंक रहे हैं। जिसके कारण सफाई कर्मचारी संकट में पड़ रहे हैं। अब विकास प्राधिकरण ने ऐसा करने वालों पर अर्थदंड लगाने का निर्णय लिया है।

प्राधिकरण के हेल्थ डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर एस सी मिश्रा ने कहा, "हम केवल उन लोगों पर अर्थदंड लगाएंगे, जो जहां-तहां मास्क और ग्लव्स फेंकते पकड़े जाएंगे। निर्धारित डस्टबिन में मास्क और ग्लव्स फेंकने वालों पर अर्थदंड नहीं लगाया जाएगा। हम शहर के लोगों से एक बार फिर अपील करते हैं कि निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। शहर में उपलब्ध करवाई गई काले रंग की डस्टबिन में ही मास्क और ग्लव्स फेंके। जिससे इनका उचित ढंग से निस्तारण किया जा सकता है।"

नोएडा में मास्क और ग्लव्स के रूप में प्रतिदिन करीब 25 किलो कचरा निकल रहा है। इसे एकत्र करने के लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है, जो घर-घर जाकर ऐसा कचरा इकट्ठा कर रही है। एससी मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर से यह खतरनाक कचरा एकत्र करके सेक्टर-25 में ले जाया जाता है। वहां इसके निस्तारण की व्यवस्था की गई है। मेरठ की एक एजेंसी सेक्टर-25 में नियमों के अनुसार इस कचरे को निस्तारित कर रही है।

नोएडा की सामाजिक संस्था जन शक्ति सेवा समिति के प्रमुख सदस्य रविकांत मिश्रा का कहना है, "हम लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वह मास्क, ग्लव्स और पीपीई किट जैसे उपयोग किए गए कचरे का सही ढंग से निस्तारण करें। सबसे पहले कोशिश करें कि इन चीजों को व्यवस्थित तरीके से सैनिटाइज कर दें। इसके बाद करीब 72 घंटे तक एक पॉलिथीन में बंद करके घर के सुरक्षित कोने में रखें। इसके बाद शहर में नियुक्त की गई संस्था को उपलब्ध करवा दें। इससे संक्रमण का खतरा बेहद कम और खत्म भी किया जा सकता है।"

प्राधिकरण ने यह एडवाइजरी जारी की थी
सामान्य लोग ग्लव्स और मास्क का उपयोग करने के बाद इन्हें सीधे डस्टबिन में नहीं डालें। एक अलग पॉलिथीन में 72 घंटे के लिए बंद करके रखें। इसके बाद सामान्य कचरे में डाल सकते हैं। 

जिन घरों में क्वारंटाइन या कोरोना वायरस का इलाज करवाने के बाद वापस लौटे लोग हैं। वह इस्तेमाल की गई दवाओं के रैपर, मास्क, ग्लव्स, डायपर या घर से निकलने वाला कचरा सामान्य कचरे में नहीं डालें। सफाई कर्मचारियों को नहीं दें। ऐसे लोगों के लिए शहर में एक संस्था नियुक्त की गई है। संस्था के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और उन्हें अपने घर से निकलने वाला कचरा सौंप दें। यह एजेंसी तय प्रक्रिया के तहत इस कचरे का निस्तारण करेगी।

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