बिजली उपकेंद्रों के टेंडर अटके, 10 सेक्टरों के लाखों लोगों को हो सकती है परेशानी

नोएडा से बड़ी खबर : बिजली उपकेंद्रों के टेंडर अटके, 10 सेक्टरों के लाखों लोगों को हो सकती है परेशानी

बिजली उपकेंद्रों के टेंडर अटके, 10 सेक्टरों के लाखों लोगों को हो सकती है परेशानी

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Noida News : बिजली निगम ने शहर में निर्बाध आपूर्ति देने के लिए रात-दिन काम कर रहा है। नए उपकेंद्रों को स्थापित करने में जुटा है। लेकिन नोएडा प्राधिकरण निगम के प्रस्ताव को अटकाए हुए है। दरअसल,पिछले काफी समय से बिजली निगम ने 12 उपकेंद्रों को बनाने के लिए प्राधिकरण में प्रस्ताव भेजा हुआ है। प्रस्ताव मंजूर नहीं होने से उपकेंद्रों का टेंडर नहीं हुआ है। ऐसे में 10 सेक्टरों में रहने वाले लाखों लोगों को आगामी गर्मी के सीजन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

इन सेक्टरों में बनने हैं उपकेंद्र 
बिजली निगम ने प्राधिकरण से 33/11 केवी के बिजली उपकेंद्र बनाने की मांग की है। यह 12 बिजली उपकेंद्र सेक्टर-48, 75, 151, 155, 156, 167, 164, 145, 68, और सेक्टर-121 में बनाए जाने हैं। फिलहाल, इन सभी सेक्टरों में बिजली आपूर्ति पास के सेक्टरों के उपकेंद्रों से की जा रही है। सभी बिजली उपकेंद्रों पर 90 से 95 प्रतिशत भार है। अनुमान है कि यह बिजली उपकेंद्र अब आगामी गर्मियों में बढ़ने वाला लोड नहीं झेल पाएंगे और उपभोक्ताओं को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में समय रहते इन 12 प्रस्तावित 33/11 केवी के बिजली उपकेंद्रों की अत्यंत आवश्यकता है। 

कई बार कर चुके हैं मांग 
विद्युत निगम का कहना है कि अगर समय रहते बिजली उपकेंद्र नहीं बनाए गए तो गर्मियों में उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति नहीं दी जा सकेगी। इन सेक्टर में रहने वाले लोगों को बिजली कटौती के साथ ही विद्युत निगम की चुनौती भी बढ़ जाएगी। विद्युत निगम द्वारा प्राधिकरण से चार बार मांग कर चुके हैं। इसके लिए प्राधिकरण के अधिकारियों से भी बात की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 

निर्बाध आपूर्ति देना चुनौतीपूर्ण
बिजली निगम के मुख्य अभियंता हरीश बंसल ने बताया कि विद्युत निगम के नियमों के अनुसार, बिजली उपकेंद्रों को केवल 70 प्रतिशत की क्षमता पर ही चलाया जाता है। मगर प्रस्तावित 12 बिजली उपकेंद्रों के सेक्टरों को आपूर्ति दूसरे सेक्टर के बिजली उपकेंद्रों से की जा रही है। अगर 12 बिजली उपकेंद्र न बने तो आगामी गर्मियों में निर्बाध आपूर्ति देना निगम के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।