आम्रपाली बिल्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए तीन बड़े आदेश, पढ़िए

आम्रपाली बिल्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए तीन बड़े आदेश, पढ़िए

आम्रपाली बिल्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए तीन बड़े आदेश, पढ़िए

Tricity Today | आम्रपाली बिल्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए तीन बड़े आदेश

आम्रपाली बिल्डर से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लगातार चल रही है। इस सप्ताह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी। जिसमें मुख्य रुप से 3 बड़े आदेश दिए गए हैं। आम्रपाली की परियोजनाओं के लिए फंड की समस्या दूर करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर और फॉरेंसिक ऑडिटर मिलकर बिल्डर की 912 करोड़ रुपये की संपत्तियों को नीलाम करेंगे। इस नीलामी का प्लान तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्यों के लिए नोएडा पावर कम्पनी (एनपीसीएल) बिजली आपूर्ति करेगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया है। अम्रपाली बिल्डर के खिलाफ गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में दर्ज मुकदमों को तत्काल दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है।

इसके अलावा बायर्स को प्रोजेक्ट के बारे में लगातार ई-मेल के जरिए अपडेट दी जाएगी। इसके लिए बायर्स को अपना पंजीकरण करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट रिसीवर को फोरेंसिक ऑडिटर के साथ मिलकर बिल्डर की संपत्तियों की नीलामी के लिए योजना बनाकर पेश करने को कहा गया है। अब अनिल शर्मा और आम्रपाली के अन्य निदेशकों की 912 करोड़ रुपये की सम्पत्तियां नीलाम की जाएंगी। आम्रपाली के थमे पड़े सारे प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निर्माण शुरू कर दिया गया है। ऐसे में एनबीसीसी की पैसे की दरकार है। लिहाजा, अनिल शर्मा, अजय शर्मा और शिव प्रिया समेत आम्रपाली के तमाम डायरेक्टरों की प्रॉपर्टी नीलाम करने का आदेश अदालत ने दे दिया। अब इनकी 912 करोड़ रुपये की संपत्ति की नीलामी की तैयारियां शुरू होंगी। 

यह कार्ययोजना तैयार होने के बाद कोर्ट आगे का आदेश देगा। इससे परियोजनाओं को पूरा करने के लिए फंड मिलना संभव है। बायर्स भी अपना बकाया जमा कर रहे हैं। 9 बैंकों के साथ लोन के लिए करार भी हो चुका है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजनाओं के लिए फंड का बंदोबस्त समय से कर लिया जाएगा।

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद पुलिस को कोर्ट ने नोटिस भेजा

इस सुनवाई के दौरान मुद्दा उठा कि यूपी पुलिस ने मुकदमे आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर करने में देरी की है। आदेश के बावजूद पुलिस ने एफआईआर ट्रांसफर नहीं की हैं। जिस पर कोर्ट ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। केस ट्रांसफर के लिए 10 जून को आदेश दिया गया था। इसकी मांग जेल में बंद आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा ने की थी। वह सारे मुकदमों की जांच एक एजेंसी और सुनवाई एक ही अदालत में करवाना चाहते हैं। अब पुलिस को सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने होंगे। नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के थानों में बिल्डर के खिलाफ बड़ी संख्या में मुदकमे दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लॉकडाउन पीरियड के दौरान जून के महीने में हुई सुनवाई में सभी मुकदमे हमें ट्रांसफर करने का आदेश उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया गया था, लेकिन न जाने क्यों अब तक ऐसा नहीं किया गया है। इस पर अदालत ने गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद पुलिस से जवाब तलब किया है।

सभी प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के लिए एनपीसीएल बिजली देगी

आम्रपाली की नोएडा-ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं को अब बिजली मिल सकेगी। बिजली का प्रयोग निर्माण कार्यों में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं। शहर में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनी एनपीसीएल से कहा गया है कि परियोजनाओं में निर्माण के लिए अस्थायी कनेक्शन दिए जाएं। मौजूदा बिल को एनबीसीसी जमा करेगा। बायर्स को आम्रपाली की परियोजनाओं की जानकारी ई-मेल से मिलेगी। इसके लिए कोर्ट रिसीवर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी वेबसाइट https://receiveramrapali.in/ पर सूची जारी की है। वेबसाइट खोलने पर न्यूजलेटर का ऑप्शन मिलेगा। इसमें परियोजना का विवरण और ई-मेल आईडी देनी होगी। उसके बाद संबंधित परियोजना के बारे में अद्यतन जानकारी बायर को उनके मेल पर मिलती रहेगी।

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