Wikipedia | Greater Noida City
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के पांच भीड़ भरे चौराहे पर यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विकास प्राधिकरण ने की योजना तैयार की है। प्राधिकरण के अफसरों ने कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान पर काम किया है। जिसे शहर में जल्दी ही पहले चरण में लागू किया जाएगा। पहले चरण के तहत 5 चौराहों को शामिल किया गया है, जहां दिनभर ट्रैफिक जाम लगा रहता है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले तत्कालिक कदम उठाए जाएंगे, जो जुलाई और अगस्त में अमल में लाए जाएंगे। इसके बाद अगले 2 चरण में एक अध्ययन किया जाएगा। पहले चरण में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और मोबिलिटी पर ध्यान दिया जाएगा। विकास प्राधिकरण कोशिश करेगा कि शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए। दूसरे चरण में सड़कों और चौराहों के डिजाइन पर ध्यान दिया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने कहा, "पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार की इंजीनियरिंग कंसलटेंसी कंपनी राइट्स को शहर में यातायात व्यवस्था पर अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी थी। राइट्स को ग्रेटर नोएडा शहर में ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट का प्रबंधन करने के लिए एक कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार करना है। राइट्स ने शहर का सर्वे किया और 25 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहला प्रेजेंटेशन दिया।"
सबसे पहले इन पांच चौराहों पर होगा सुधार
सीईओ के मुताबिक राइट ने बताया है कि ग्रेटर नोएडा में सबसे पहले गौर सिटी चौक ग्रेटर नोएडा वेस्ट, परी चौक, सूरजपुर एंट्री प्वाइंट, तिलपता चौक और होंडा चौक पर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता है। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में इन 5 चौराहों पर खास ध्यान देने की जरूरत बताई है और जल्दी इसका समाधान तलाश करने की सिफारिश की है। राइट की टीम 20 भीड़ भरे इलाकों का सर्वे करेगी। इसके बाद ट्रैफिक और ट्रांसपोर्ट प्रबंधन के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान पेश करेगी।
कारों पर निर्भरता खत्म करने की कोशिश
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण शहर के लिए एक ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित करना चाहता है, जिसमें लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। लोगों को घर, दफ्तर, बाजार और दूसरे सार्वजनिक स्थानों के लिए नियमित अंतराल पर बसें और दूसरे साधन मिलते रहें। जिससे उनकी निजी कारों पर निर्भरता को खत्म किया जा सके। इससे शहर में ट्रैफिक घटेगा और वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में बड़ी मदद मिलेगी।
कुछ ऐसा होगा शहर का नया ट्रांसपोर्ट सिस्टम
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक (परियोजना) समाकांत श्रीवास्तव ने कहा, "हम शहर का कुछ इस ढंग से विकास करना चाहते हैं, जिसमें ट्रैफिक कम हो और लोगों की कारों पर निर्भरता कम से कम हो। शहर के लिए एक ऐसी ट्रैफिक व्यवस्था तैयार की जा रही है, जिसमें लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूट, फ्रीक्वेंसी, समय सारणी और रास्ते में ट्रैफिक के हालात का पहले से ही पता चल सके। इसका राइट अध्ययन कर रही है।"
राइट्स को यह पूरी परियोजना तैयार करने और अध्ययन करने के लिए 18 महीने का वक्त दिया गया है। एजेंसी अपनी अंतिम रिपोर्ट जून 2021 में पेश करेगी। इस दौरान प्राधिकरण की ओर से दिए गए सुझावों और बिंदुओं को रिपोर्ट में कंसलटेंट और अर्बन प्लानर शामिल करते रहेंगे।