यूपी सरकार ने कोरोना मरीजों पर लगाया मोबाइल बैन का फैसला वापस लिया

यूपी सरकार ने कोरोना मरीजों पर लगाया मोबाइल बैन का फैसला वापस लिया

यूपी सरकार ने कोरोना मरीजों पर लगाया मोबाइल बैन का फैसला वापस लिया

Tricity Today | UP Map

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों पर लगाया मोबाइल फोन के उपयोग पर बैन का फैसला वापस ले लिया है। सरकार ने शनिवार को आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल पर पाबंदी लगा दी थी। अब यूपी सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने आदेश जारी किया था।

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा महानिदेशक ने कोविड-19 अस्पताल में मोबाइल के उपयोग पर बैन लगा दिया था। मरीजों के मोबाइल इस्तेमाल पर बैन लगाया था। महानिदेशक ने आदेश में लिखा था कि इससे एल-2 और एल-3 अस्पतालों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इस फैसले का विरोध हो रहा था। जिसके बाद रविवार को सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है।

कोविड-19 के लेवल-2 और 3 के अस्पतालों में मरीजों को मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है। इसलिए मोबाइल ले जाने पर पांबदी लगाई जा रही है। अगर कोई व्यक्ति इस आदेश की अवहेलना करेगा तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसे भी लॉकडाउन का उल्लंघन घोषित कर दिया गया था।

दरअसल, कोरोना पॉजिटिव के लक्षण नहीं दिखने वाले मरीजों को वार्ड में 14 दिन काटना भारी पड़ता है। ऐसे में उनके लिए मोबाइल एक सहारा होता है। अस्पतालों में मरीजों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। उसके जरिये वह तुरंत अपनी समस्या बताते हैं और उसका समाधान हो जाता है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की ओर से आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा गया है कि कोरोना के लेवल-2 और 3 में मरीजों को मोबाइल ले जाने पर पाबंदी रहेगी। बताया गया है कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है, इसलिए यह फैसला लिया गया है।

महानिदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि मरीजों को उनके परिजनों से बातचीत करवाने के लिए वार्ड में दो मोबाइल रखे जाएं। ये नंबर मरीजों के परिजनों को भी दिए जाएं। ताकि वह बातचीत कर सकें। ये फोन वार्ड इंचार्ज के पास रहेंगे। इससे मरीजों को वार्ता करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। यह इंतजाम इस तरह से किए जाएं ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज और उनके परिजन आपस में वार्ता कर सकें। अब यह फैसला वापस ले लिया गया है।

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