Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर
Uttar Pradesh Police की Special Task Force ( UP STF) ने शुक्रवार को दिल्ली के चार लोगों को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि जाली दस्तावेजों पर बने क्रेडिट कार्ड्स और चोरी किए गए सिबिल स्कोर (एक उपभोक्ता के क्रेडिट विवरण) का इस्तेमाल करके सैकड़ों लोगों को करोड़ों रूपये का चूना लगाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को एसटीएफ की नोएडा इकाई ने सेक्टर-16ए स्थित फिल्म सिटी के पास पकड़ा है। एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने कहा, "यह गिरोह 2011 से सक्रिय था और इसके चार सदस्यों को आज गिरफ्तार किया गया है।"
राजकुमार मिश्रा ने कहा, "ये लोग जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे। उपयोगकर्ताओं की जानकारी चुरा लेते थे। जिससे उनके उपयोग किए गए क्रेडिट कार्ड हासिल करते थे। इन कार्डों की क्रेडिट सीमा समाप्त होने के बाद खुद के नाम पर स्थानांतरित कर लेते और फिर से उसी पद्धति का उपयोग करते हुए दूसरे बैंक को धोखा देते थे।"
पकड़े गए लोगों की पहचान गैंग लीडर जितेंद्र गुलाटी उर्फ जतिन, कपूर सिंह दहिया, त्रिलोक नाथ शर्मा और कुलदीप उर्फ करण के रूप में हुई है। एसटीएफ के मुताबिक ये सभी कुलदीप को छोड़कर दिल्ली के रोहिणी के हैं। कुलदीप जहाँगीरपुरी का रहने वाला है। एजेंसी ने कहा कि उसे आरोपियों से संबंधित एक बैंक खाता मिला है, जिसमें 18.50 लाख रुपये जमा हैं। इसमें 6.23 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए।
सोने के बिस्कुट, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, सोने के झुमके जब्त
एसटीएफ ने 44 ग्राम वजन के सात सोने के बिस्कुट, आठ पैन कार्ड, 60 क्रेडिट कार्ड, नौ डेबिट कार्ड, 16 पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) मशीनों और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा 7.28 ग्राम वजन वाले सोने के झुमके भी जब्त किए हैं। दो कारें, एक मारुति स्विफ्ट डिजायर और एक निसान टेरानो को भी जब्त किया गया है। एजेंसी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ नोएडा सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की कार्यवाही चल रही है।
बैंकों से ठगी करने की एक रिपोर्ट कोतवाली सेक्टर-20 में पंजीकृत करवाई गई
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बैंकों से अच्छे रिकॉर्ड धारकों की जानकारी चुराकर क्रेडिट कार्ड बना लेते थे। बैंकों से ठगी करने की एक रिपोर्ट कोतवाली सेक्टर-20 में पंजीकृत करवाई गई। इस मामले की जब जांच की गई तो पता चला कि यह एक संगठित गिरोह है, जो दर्जनों बैंक और फाइनेंस कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करके क्रेडिट कार्ड बनाते हैं। क्रेडिट लिमिट तक प्रयोग करके फरार हो जाते हैं।
इस गिरोह का सरगना जतिन है, जो पहले भी दिल्ली से दो बार गिरफ्तार हो चुका है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये लोग केवाईसी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके फर्जी आईडी प्रूफ जारी करवा लेते थे। अमेजॉन शॉपिंग एप्लीकेशन पर क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन अप्लाई करते थे। इसके बाद यह आरोपी अपने सहयोगी से अच्छे ग्राहकों के केवाईसी अभिलेख खरीदते थे। इस पर दूसरे लोगों की फोटो लगा देते थे। इसके बाद फर्जी बिजनेस दिखाकर विभिन्न बैंकों से क्रेडिट कार्ड इश्यू करा लेते थे। लिमिट तक इस्तेमाल करके फरार हो जाते थे। इस तरह इन आरोपियों ने दर्जनों बैंकों को करोड़ों का चूना लगाया है।
एक केवाईसी डॉक्युमेंट 1000 रूपये में खरीदते थे
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि इस गिरोह का सरगना जतिन और कपूर सिंह अपने एक सहयोगी मुकेश से केवाईसी डॉक्युमेंट्स खरीदते थे। इसके लिए प्रति केवाईसी 1000 रूपये मुकेश जुनेजा को दिया जाता था। इसी केवाईसी से फर्जीवाड़ा करके ये लोग करण और राजू आदि नामक व्यक्तियों के फोटो लगा देते थे।
एचसीएल के नाम पर दो दर्जन क्रेडिट कार्ड बनवाए
एसटीएफ को जांच में पता चला है कि ठग क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़वाने के चक्कर में और भी फर्जीवाड़ा करते थे। इन लोगों ने खुद को नोएडा एचसीएल में कार्यरत दिखाकर 20 से अधिक क्रेडिट कार्ड बनवाए हैं। इन क्रेडिट कार्ड धारकों को फर्जी बिजनेसमैन बताया गया है। इसके बाद गौरव शर्मा नामक एक व्यक्ति से 3 फ़ीसदी कमीशन देकर इन क्रेडिट कार्ड से 80 लाख रूपए हासिल किए गए थे।