Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
अब उत्तर प्रदेश ने चीन को बड़ा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी कंपनी के 2051.30 करोड रुपए के टेंडर रद्द कर दिए हैं। इसके लिए तकनीकी खामियों को आधार बनाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से चीन की कंपनी को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को यह फैसला उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने लिया। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने चीनी कंपनी को आगरा और कानपुर में मेट्रो रेल के निर्माण में यह ठेका दिया था।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने का बड़ा फैसला है। कॉरपोरेशन ने चाइनीज कंपनी का टेंडर निरस्त किया है। तकनीकी खामियों के चलते टेंडर निरस्त किया गया है। कानपुर और आगरा मेट्रो को लेकर टेंडर रद्द किया गया है। आगरा और कानपुर मेट्रो के लिए 2051.30 करोड़ रुपए का टेंडर निरस्त किया गया। इस टेंडर में सिग्नल सिस्टम आपूर्ति करने का ठेका सीआरआरसी नेंनजिंग फ्यूजेन को टेंडर नहीं दिया गया है। यह ठेका बांबर्डियर इंडिया को आवंटित हुआ है।
आपको बता दें कि इससे पहले भारत सरकार ने करीब 3000 करोड़ रुपए का ठेका शंघाई कॉरपोरेशन से छीन लिया है। शंघाई कारपोरेशन को फ्रेट कॉरिडोर पर सिग्नल सिस्टम विकसित करने के लिए काम दिया गया था। काम में देरी और सामान की आपूर्ति नहीं होने के आधार पर वह ठेका निरस्त किया गया था। लद्दाख में भारतीय सैनिकों की हत्या करने के बाद चीन के प्रति पनपे गुस्से के कारण भारत सरकार और देश की राज्य सरकारें चीनी कंपनियों के ठेके रद्द कर रही हैं।
भारत संचार निगम और महानगर संचार निगम ने भी चीनी कंपनियों के ठेके रद्द किए हैं। इंडियन रेलवे ने भी ठेके रद्द किए हैं। पिछले सप्ताह भारत सरकार ने टिक टॉक समेत 60 चीनी मोबाइल एप्लीकेशन भारत में बंद कर दिए हैं। जिससे चीनी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो रहा है।