Tricity Today | Noida Delhi Border
नोएडा-दिल्ली की सीमाएं सील रहेंगी। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बुधवार को एकबार फिर साफ कहा है कि उसने तालाबंदी के चौथे चरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं लेकिन अभी दिल्ली से आवागमन की मंजूरी नहीं दी है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली और नोएडा के बीच आवागमन के बारे में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अभी तक नहीं हुए हैं। निर्देश प्राप्त होने तक मौजूद नियम लागू रहेंगे।
सोमवार को तालाबंदी के लिए यूपी सरकार के आदेश आए। जिसमें कहा गया कि “दिल्ली में रहने वाले लोगों को छोड़कर, कोई भी नोएडा, गाजियाबाद की यात्रा कर सकता है। स्थानीय प्रशासन उसी के लिए दिशा निर्देश प्रदान करेगा।” गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बुधवार की शाम एक बार फिर साफ कर दिया है कि दिल्ली और नोएडा के बीच आवागमन को अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "हमने नोएडा की सीमा को सील करके रखा है। दिल्ली की ओर से आने वाले लोगों को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन अथवा पुलिस की ओर से जारी किए गए अनुमति पत्र के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस और प्रशासन ने चिकित्सकों और केंद्र और राज्य सरकार के ऐसे कर्मचारियों को पास दिया है, जो दिल्ली में काम कर रहे हैं। इसके अलावा मीडिया कर्मियों को दिल्ली को नोएडा-दिल्ली के बीच आवागमन की अनुमति है। एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं आवागमन कर रही हैं। जरूरी सेवाएं देने वाले वाहनों को भी आने-जाने की की अनुमति है। इसके अलावा बाकी किसी को भी दिल्ली से नोएडा में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"
दरअसल, गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डीएम को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें बताया गया है कि गौतमबुद्ध नगर में दिल्ली से आने वाले लोगों के कारण लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। अब तक करीब ऐसे 60 लोग सामने आ चुके हैं, जिन्हें दिल्ली से आवागमन के कारण कोरोनावायरस का संक्रमण हुआ है। बीते सोमवार को एक मीडिया हाउस में 29 लोगों को संक्रमित पाया गया है। इनमें से 28 लोग एक ऐसे कर्मचारी के संपर्क में आए, जो दिल्ली के लक्ष्मीनगर से कंपनी में काम करने आता था।
इससे पहले भी करीब 30 लोग दिल्ली से आवागमन के कारण संक्रमित हुए हैं। यही वजह है कि लॉकडाउन-4 के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बावजूद गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को सील करके रखा है। अब गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी का कहना है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर राय मांगी है, जो अभी तक नहीं मिली है।