Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
गाजियाबाद जिला दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग में तैनात एक महिला अधिकारी ने अपने सीनियर अधिकारी पर मानसिक उत्पीडन किए जाने का आरोप लगाया है। पीडि़ता का आरोप है कि उसे इस कदर उत्पीडि़त किया गया है कि उसे मनोचिकित्सक से इलाज कराना पड़ रहा है। वहीं इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच शुरू करा दी है।
पीडि़ता ने आरोप लगाया कि विभाग के सीनियर अधिकारी पिछले दो साल से उनका मानसिक शोषण कर रहे हैं। वेतन रोके जाने, वार्षिक गोपनीय खराब करने की धमकी, तबादला कराने, शाम को पांच बजे के उपरांत विभाग का काम कराना, शासकीय कार्य में सहयोग न देना, अभद्र व्यवहार करना व अभद्र भाषा का प्रयोग करना, जो काम उनके नहीं हैं उन्हें भी कराना, कारण बताओ नोटिस शाम चार बजे के बाद देने की शिकायत की है।
साथ ही आरोप लगाया है कि बदनीयती से उनका मानसिक व शारीरिक शोषण किया गया। यहां तक कि उन्हें कपड़े व लिपिस्टक लगाकर आने के लिए भी टोका जा रहा है। पीडि़ता ने फोन पर बताया कि वह पिछले दो साल से अधिकारी का उत्पीडन सहन कर रही हैं। इसकी शिकायत भी उन्होंने आला अधिकारियों से की थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीडि़ता ने कहा कि बेवजह उन्हें शाम के समय काम करने के लिए बुलाया जाता है। हालांकि, इस मामले में जिस अधिकारी पर आरोप लगाए गए हैं उनका कहना है कि विभागीय कामकाज न किए जाने के चलते महिला अधिकारी को चेतावनी दी गई थी। वहीं अब इस पूरे मामले में सीडीओ अस्मिता लाल द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है।