Tricity Today | Yamuna Authority
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने लॉकडाउन की चुनौती को अपॉर्चुनिटी में बदलने में कामयाबी हासिल की है। लॉकडाउन में भी यमुना प्राधिकरण अपने क्षेत्र में निवेश कराने में आगे रहा है। इस दौरान 8 औद्योगिक इकाइयों के लिए भूखंड आवंटित किए गए। इसमें तीन विदेशी कंपनी भी शामिल हैं। इनसे 1338 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 8740 लोगों को रोजगार मिलेंगे। जेवर एयरपोर्ट को लेकर कंपनियां इस इलाके में आना चाह रही हैं।
लॉकडाउन में कामकाज लगभग ठप पड़ा है। लेकिन यमुना प्राधिकरण ने औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए जुटा हुआ है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 8 कंपनियों को औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए। इसमें 3 विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं। ये कंपनियां 1338 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इनको 40.77 एकड़ जमीन दी गई है। इन कंपनियों के शुरू होने से यहां पर 8740 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिल सकेगा।
कंपनियां यहां इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्माण करेंगी
इनमें से तीन कंपनियां इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों का निर्माण करेंगी। एक कंपनी सोलर बैट्री बनाएगी। एक कंपनी पैकेजिंग का करेगी तो दो कंपनियां गारमेंट उद्योग से जुड़ी हुई हैं।
संस्थागत श्रेणी के दो भूखंड आवंटित
यमुना प्राधिकरण ने शुक्रवार को वीसी के जरिये दो भूखंड आवंटित किए। दोनों भूखंड संस्थागत श्रेणी के हैं। एसीईओ शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भूखंड आवंटित किए हैं। प्राधिकरण ने थॉपर बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को कॉरपोरट को आफिस के लिए 2 हजार वर्ग मीटर व जगर नारायण सामाजिक सेवा समिति बिहार को 8 हजार वर्ग मीटर जमीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लिए आवंटित की है। यह भूखंड सेक्टर 22 ई में दिया गया है। इसमें 7.56 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 238 को रोजगार मिलेगा।