सुखद : यमुना प्राधिकरण ने कोरोना से पैदा हुई आपदा को अवसर में बदला, लॉकडाउन से लेकर अब तक 6519 करोड़ का निवेश हासिल किया

सुखद : यमुना प्राधिकरण ने कोरोना से पैदा हुई आपदा को अवसर में बदला, लॉकडाउन से लेकर अब तक 6519 करोड़ का निवेश हासिल किया

सुखद : यमुना प्राधिकरण ने कोरोना से पैदा हुई आपदा को अवसर में बदला, लॉकडाउन से लेकर अब तक 6519 करोड़ का निवेश हासिल किया

Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS

आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है, अगर ऐसा उदाहरण देखना है तो यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह से मिलिए। अरुणवीर सिंह की पहचान न केवल एक इमानदार और समयबद्ध प्रशासनिक अधिकारी के रूप में होती है, बल्कि वह अपने सौम्य व्यवहार के लिए भी खासे मशहूर हैं। अब कोरोना संक्रमण के कारण लागू हुए लॉकडाउन पीरियड में यमुना प्राधिकरण को 6519 करोड रुपए का निवेश दिलाकर अरुणवीर सिंह ने मील का पत्थर गाड़ा है। यह जानकारी शुक्रवार को खुद उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने दी है। सतीश महाना शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण की विकास योजनाओं की समीक्षा करने आए थे।

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, "प्रदेश में खासकर यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक निवेश तेजी से बढ़ा है। यमुना प्राधिकरण ने आपदा को अवसर में बदला है। कोरोना काल में यहां 854 औद्योगिक इकाइयों के लिए भूखंड आवंटित किए गए हैं। इससे प्राधिकरण को 6519 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ है। साथ ही इन औद्योगिक इकाइयों के शुरू होने से 1.63 लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे।

यमुना प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के बाद महाना ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। उद्योग लगेंगे तभी युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि नोएडा में मोबाइल डिस्प्ले यूनिट जल्द शुरू होने जा रही है। 2017 से पूर्व औद्योगिक विकास प्राधिकरण रियल एस्टेट प्राधिकरण बन चुके थे। सरकार ने फैसला लिया है कि अब पांच साल में उद्योग लगाने होंगे। जमीन आवंटन के छह माह के भीतर भूखंड करके कब्जा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यीडा सिटी में अगले 40 वर्षों तक बिजली की कमी नहीं होगी।

अब मास्टर प्लान में 30 फीसदी जमीन उद्योगों के लिए रिजर्व होगी

यमुना औद्योगिक प्राधिकरण के मौजूदा मास्टर प्लान में केवल 13 फीसदी क्षेत्रफल उद्योगों के लिए है। मास्टर प्लान 2031 में 20 और 2041 में 30 फीसदी क्षेत्रफल उद्योगों के लिए किया जा रहा है। ताकि उद्योगों को बढ़ावा मिल सके। महाना ने कहा कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क और ट्वॉय सिटी अहम प्रोजेक्ट हैं। ट्वॉय सिटी पार्क में अब तक 115 भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

प्रदेशभर में एक्सप्रेस वे के किनारे स्मार्ट औद्योगिक शहर बसाए जाएंगे

सतीश महाना ने कहा कि देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे नेटवर्क उत्तर प्रदेश में बन रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम 60 फीसदी पूरा हो चुका है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बन रहा है। हापुर से लेकर बलिया तक गंगा एक्सप्रेस वे के पर भी काम शुरू हो चुका है। इन सारे एक्सप्रेस वे के एक-एक किलोमीटर दायरे में उद्योग लगेंगे। ये उद्योग एक्सप्रेस वे के उतार-चढ़ाव वाले क्षेत्रों में विकसित किए जाएंगे। डिफेंस कॉरिडोर के तहत छह नोड विकसित हो रहे हैं। इसमें अलीगढ़, झांसी, आगरा, चित्रकूट, लखनऊ और कानपुर शामिल हैं।

यमुना प्राधिकरण को तीन साल में 1.40 लाख करोड़ का निवेश मिलेगा

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 1 अप्रैल 2017 से 31 अक्टूबर 2020 तक 1541 उद्योगों को जमीन आवंटित की गई है। इससे यहां पर 1.40 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसके अलावा 2.39 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा, यमुना प्राधिकरण टप्पल (अलीगढ़, राया (मथुरा) व आगरा में नगरीय केंद्र विकसित करेंगे। इसमें लॉजिस्टिक हब, हेरिटेज कॉरिडोर आदि शामिल है। नगरीय केंद्रों की डीपीआर बनाने के लिए ईएंडवाई एजेंसी को कंसलटेंट नियुक्त किया है। यहां पर इंट्रीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जाएंगी।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.