BIG BREAKING: यूपी में हर शिक्षक के दस्तावेजों की जांच की जाएगी योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

BIG BREAKING: यूपी में हर शिक्षक के दस्तावेजों की जांच की जाएगी योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

BIG BREAKING: यूपी में हर शिक्षक के दस्तावेजों की जांच की जाएगी योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

Tricity Today | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में नियुक्तियों के नाम पर हुए "अनामिका कांड" के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि यूपी के सभी प्राइमरी, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों में कार्यरत शिक्षकों के दस्तावेज एक बार फिर जांचे जाएंगे। इसके लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। एक-एक अध्यापक की स्क्रीनिंग होगी और धांधली का पता लगाया जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट जांच करने का आदेश दिया है। यूपी में शिक्षकों के दस्तावेज की जांच होगी। प्राइमरी ही नहीं माध्यमिक और उच्च शिक्षा वालों की भी जांच होगी। बेसिक शिक्षकों के डॉक्यूमेंट भी जांचे जाएंगे। जांच के लिए डेडिकेटेड टीम बनाई जाएगी। सीएम ने आदेश दिया है कि जो फर्जी मिले सभी पर कार्रवाई करें।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में एक ही नाम पर सैकड़ों की संख्या में महिला शिक्षिका कार्यरत मिली हैं। पहले अनामिका के नाम पर 125 महिला शिक्षक पकड़ी गई हैं। इन सबकी नियुक्ति के लिए एक ही अनामिका पांडेय के नाम के दस्तावेज इस्तेमाल किए गए हैं। अब एक शिकायत के बाद धरपकड़ शुरू हुई तो सारा गोरखधंधा खुलकर सामने आ गया है। उत्तर प्रदेश में धड़ाधड़ ऐसी महिला टीचरों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं। दूसरी ओर इस पूरे गोरखधंधे के लिए शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरी है। एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। 

जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज भी गिरी हैं। दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा रहा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रियंका गांधी ने तो इसे मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला करार दिया है। उत्तर प्रदेश के सीनियर रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर सूर्य प्रताप सिंह ने इसमें साढे सात हजार करोड रुपए का घोटाला बताया है। पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की जा रही है।

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