योगी आदित्यनाथ ने एक और मिसाल कायम की, हाइवे के आड़े आ रही गोरखधाम की दीवार पर चलवा दिया बुलडोजर

योगी आदित्यनाथ ने एक और मिसाल कायम की, हाइवे के आड़े आ रही गोरखधाम की दीवार पर चलवा दिया बुलडोजर

योगी आदित्यनाथ ने एक और मिसाल कायम की, हाइवे के आड़े आ रही गोरखधाम की दीवार पर चलवा दिया बुलडोजर

Tricity Today | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश को एक से बढ़कर एक मुख्यमंत्री अब तक मिले हैं। लेकिन प्रशासनिक क्षमता और कड़े फैसले लेने के मामले में योगी अदित्यनाथ ने कई बड़े उदाहरण पेश किए हैं। महंत और धर्मगुरु होने के बावजूद वह अंधविश्वास के खिलाफ हैं। आधुनिक सोच की पैरवी करते हैं। अरसे बाद किसी सीएम के रूप में योगी ने गौतमबुद्ध नगर का दौरा करके एक मिथक तोड़ा। वह लगातार और बार-बार नोएडा आ रहे हैं। अब योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर नजीर पेश की है। बताया है कि फर्ज के आगे कुछ नहीं होता है। 

गोरखपुर से सोनौली के लिए फोरलेन मार्ग का निर्माण चल रहा है। मार्ग के सामने तमाम इमारतों के हिस्से पड़ रहे हैं। इसके रास्ते में गुरु गोरखनाथ मंदिर की दीवार भी पड़ रही थी। जैसे ही योगी आदित्यनाथ को यह जानकारी मिली, उन्होंने तनिक संकोच किए बिना अफसरों और इंजीनियरों उचित निर्णय लेने का आदेश दिया। मन्दिर की चारदीवारी की दीवार को ढहा दिया गया है। उन्होंने दूसरों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। साथ ही एक बड़ा संदेश भी दिया है। संदेश यह कि विकास के राह में कोई भी आड़े नहीं आना चाहिए।

यह दूसरी बार है जब मुख्यमंत्री ने बड़ी नजीर कायम की है। इसके पहले अपने पिता के अंतिम संस्कार में न जाकर उन्होंने बताया कि राजधर्म क्या होता है। एक बड़े परिवार का मुखिया होने का क्या मतलब होता है। मालूम हो कि गोरखनाथ मंदिर का शुमार उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में होता है। यह करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह उस नाथपंथ का मुख्यालय है, जिससे योगी जी का ताल्लुक है। वह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं।

गोरखपुर फोरलेन के रास्ते में आने वाले किसी और को अपने मकान और दुकान के ध्वस्तीकरण पर आपत्ति न हो इसके लिए मुख्यमंत्री होने के बावजूद उन्होंने अपने मंदिर की दीवार को ढहाने का आदेश दे दिया। बाकियों की दुकान और मकान के ध्वस्त होने के बाद यह मार्ग बनेगा। इसके बनने से गोरखनाथ मंदिर, धर्मशाला, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट और नंदानगर होते हुए एयरपोर्ट तक का आना-जाना आसान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री होने के बाद और बतौर सांसद वह बार-बार यह कहते रहे हैं कि जनहित और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। इसमें किसी तरह की बाधा स्वीकार्य नहीं है। लोक कल्याण के लिए विकास हर जनप्रतिनिधि का फर्ज है। सीएम योगी इसे लगातार साबित भी कर रहे हैं।

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