मजदूरों को लेकर योगी और प्रियंका वॉर आगे बढ़ी, सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट मांगे

मजदूरों को लेकर योगी और प्रियंका वॉर आगे बढ़ी, सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट मांगे

मजदूरों को लेकर योगी और प्रियंका वॉर आगे बढ़ी, सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट मांगे

Tricity Today | प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच चल रही जंग का परिणाम निकलता नजर नहीं आ रहा है। प्रियंका गांधी ने 4 दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार को 1000 बसें देने की पेशकश की। इन बसों को यूपी लाने की अनुमति मांगी। सरकार ने 2 दिन तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जब सोमवार को गाजियाबाद में मजदूरों का हंगामा हो गया तो प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ पर राजनीति करने का आरोप लगाया। जिसके बाद सोमवार की रात यूपी सरकार ने कांग्रेस से बसों की लिस्ट मांग ली।

प्रियंका गांधी की ओर से बसों की लिस्ट भेजी गई तो अब सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट मांगे हैं। दूसरी ओर यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को पत्र लिखकर बसों को लखनऊ भेजने की बात कही। सोमवार की रात करीब 11:30 बजे भेजे गए इस पत्र में अपर मुख्य सचिव की ओर से लिखा गया कि वह बसों को मंगलवार की सुबह 10:00 बजे तक लखनऊ भेज दें। फिलहाल जानकारी मिल रही है कि करीब 500 बसें आगरा में नगला गांव के पास रोककर रखी गई हैं। जिन्हें कांग्रेसी लखनऊ लेकर जा रहे थे। अब मंगलवार की दोपहर सरकार की ओर से कहा गया कि इन बसों को गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर पहुंचा दीजिए।

लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए पिछले चार दिनों से योगी सरकार और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी बीच लेटर वॉर चल रहा है। प्रियंका गांधी मजदूरों के लिए एक हजार बस चलाने की पेशकश करने के लिए चार लेटर एक दूसरे की ओर से जारी हो चुके हैं। मजदूरों पर योगी बनाम प्रियंका वॉर चल रही है। प्रियंका गांधी की बसों की पेशकश सोमवार को स्वीकर कर ली गई। पहले योगी सरकार ने बसों की सूची मांगी। इसके बाद अब मंगलवार दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया। इस पर प्रियंका गांधी के सचिव ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। 

संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को सोमवार की देर रात करीब 12:00 बजे लिखे अपने पत्र में कहा कि आप लोग निरर्थक रूप से राजनीतिक प्रेरणा के तहत ऐसा कर रहे हैं। यह कैसे संभव हो सकता है कि आप रात के 12:00 बजे यह सारे दस्तावेज मांगें और बसें व कागजात सुबह 10:00 बजे लखनऊ के डीएम ऑफिस में जमा करवा दिए जाएं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। वह धूप में पैदल चल रहे हैं। उन्हें प्रदेश के अंदर आने नहीं दिया जा रहा है। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है और जीविका ठप पड़ी है। हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं, उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा है। मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा।

प्रिंयका ने कहा कि हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है, हमें सेवा करने दीजिए। प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से 500 और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चलाकर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। इसके लिए प्रियंका गांधी ने सीएम को लेटर लिखा था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यालय की ओर से ट्वीट करके प्रियंका गांधी पर प्रवासी श्रमिकों की मददगार बनने का स्वांग रचने का आरोप लगाया था।

प्रियंका गांधी की पेशकश पर सोमवार को उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के संबंध में आप के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अतः अविलंब 1000 बसों की सूची, चालक-परिचालक का नाम व अन्य विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके। इस पर प्रियंका गांधी ने शाम पांच बजे ट्वीट कर योगी सरकार को धन्यवाद कहा।

प्रियंका गांधी ने सीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया है, "महामारी के समय इंसान की जिंदगी को बचाना, गरीबों की रक्षा करना, उनकी गरिमा की हिफाजत करना हमारा नैतिक दायित्व और अधिकार है। कांग्रेस इस कठिन समय में अपनी पूरी क्षमता और सेवाव्रत के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। ये बसें हमारी सेवा का विस्तार हैं। उत्तर प्रदेश में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद। आपको उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूं कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उत्तर प्रदेश के अपने भाई-बहनों के साथ इस संकट का सामना करने के लिए खड़े रहेंगे।"

18 मई को कांग्रेस ने सौंपी बसों की सूची
यूपी सरकार की मांग पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक हजार बसों की सूची ई-मेल कर दी। इसी के साथ संदीप सिंह ने कहा कि हम कल बसों को दोबारा बॉर्डर पर चलने के लिए तैयार कर देंगे। उन्होंने कहा कि 1000 बसों की सूची इस ई-मेल के साथ अटैच की गई है। इनमें से कुछ चालकों का दोबारा वेरिफिकेशन कर उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचाई जाएगी। आशा है, जल्द से जल्द इन बसों के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध करा देंगे। इन बसों का कल ही संचालन चालू करवा देंगे और इन बसों के रूट की पूरी जानकारी और समय सारणी जनसाधारण को उपलब्ध करा देंगे।

सरकार ने मांगा फिटनेस प्रमाण
प्रियंका गांधी की ओर से बसों की सूची भेजे जाने के बाद देर रात उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से प्रियंका के निजी सचिव को एक और चिट्ठी लिखी गई। कहा गया कि कांग्रेस की ओर से भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र और ड्राइवरों का पूरा ब्योरा भेजिए। उन्होंने लिखा कि कृपया समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ परिचालक का पूर्ण विवरण मंगलवार सुबह 9 बजे वृंदावन योजना सेक्टर 15-16 में जिलाधिकारी लखनऊ को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

रात में ही सरकार को लिखा गया जवाब
प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिखकर जवाब दिया कि आपने 1000 बसों के तमाम दस्तावेजों सहित लखनऊ में सुबह 10:00 बजे हैंडओवर करने की बात कही है। 1000 खाली बसें लखनऊ भेजना ना सिर्फ समय की बर्बादी और संसाधन की बर्बादी है बल्कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है।

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