Tricity Today | Yogi Adityanath
वैश्विक महामारी कोरोना के लिए देश में लॉकडाउन हुआ। लॉकडाउन ऐसे समय हुआ, जब रबी की फसलें तैयार थीं। इस साल बेमौसम की बारिश, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से किसान पहले से ही फसल को लेकर डरे थे। लॉकडाउन से उनका डर और बढ़ गया। उस समय की उनकी सर्वाधिक चिंता यही थी कि कैसे फसल कटेगी? कहां बिकेगी? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरदम की तरह इस बार भी किसानों के लिए संकटमोचक बनकर सामने आए।
एक तरफ जहां उन्होंने किसानों की जेब का पूरा ख्याल रखते हुए गेहूं, चना और गन्ना मूल्य का भुगतान किया, वहीं दूसरी तरफ 2.4 करोड़ किसानों को दो बार 2-2 हजार रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भी भेजी। योगी सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए लाकडाउन के दौरान फसलों की कटाई के लिए सबसे पहले कृषि यंत्रो को खेतों तक जाने की छूट दी।
जायद की जो फसल, फल और सब्जियां खेत में थीं। उनकी सुरक्षा के लिए दवाएं उपलब्ध हों, उनके लिए खाद-बीज की दुकानों को खोलने की अनुमति दी। इससे जायद की फसल लेने वालों को भी आसानी हुई। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए एमएसएमई (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद भी शुरु करवाई। इस क्रम में कुल 3.477 लाख कुंतल गेहूं खरीद कर 3,890 करोड़ रुपये का भुगतान कराया। यही नहीं इस दौरान प्रदेश सरकार फार्मस प्रोड्यूसर कम्पनियों (एफपीसी) के माध्यम से किसानों के खेतों पर जाकर भी की गेहूं की खरीद की। इसके अलावा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8,887 मीट्रिक टन चने की खरीद कर भुगतान कराया।
3 वर्षों में किया 99 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान
लाकडाउन के दौरान उसरकार ने गन्ना किसानों के लिए भी बड़ा कदम उठाया। इस दौरान प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें चलती रहीं और इस सत्र में 20 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा गया। पिछले तीन सालों में योगी सरकार ने किया गन्ना किसानों को 99 हजार करोड़ का भुगतान कर चुकी है।
चीनी उत्पादन में नम्बर-1 रहा उत्तर प्रदेश
चीनी मिलों के संचालन से प्रदेश के 35 से 40 हजार किसान इनसे सीधे जुड़े और 72,424 श्रमिकों को रोजगार मिला। वहीं गन्ना छिलाई के माध्यम से 10 लाख श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार दिया गया। इस सत्र में कुल 11,500 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई और 1251 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन कर देश में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर रहा है।वहीं, महाराष्ट्र को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
(यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी किया गया है। इसमें ट्राइसिटी टुडे टीम ने कोई संपादन नहीं किया है)