Hathras Gangrape Case : पीड़िता का रातोंरात किया गया अंतिम संस्कार, योगी ने एसआईटी गठित की, घटना से जुड़ी हर खबर एकसाथ पढ़िए

Hathras Gangrape Case : पीड़िता का रातोंरात किया गया अंतिम संस्कार, योगी ने एसआईटी गठित की, घटना से जुड़ी हर खबर एकसाथ पढ़िए

Hathras Gangrape Case : पीड़िता का रातोंरात किया गया अंतिम संस्कार, योगी ने एसआईटी गठित की, घटना से जुड़ी हर खबर एकसाथ पढ़िए

Google Image | हाथरस घटना की पीड़िता का रातोंरात किया गया अंतिम संस्कार

Hathras Gangrape Case : हाथरस सामूहिक बलात्कार घटना की शिकार 19 वर्षीय लड़की की मौत हो जाने के बाद उसके शव का रातोंरात अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं, उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जबरन उनसे आनन-फानन में शव का अंतिम संस्कार करवाया। लड़की के पिता ने उसकी मौत हो जाने के बाद बुधवार सुबह पीटीआई-भाषा से कहा, ''अंतिम संस्कार (बुधवार) तड़के करीब ढाई से तीन बजे के बीच किया गया।

सामूहिक बलात्कार की कथित घटना के पखवाड़े भर बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार सुबह दलित लड़की की मौत हो गई थी। उससे अगड़ी जाति के चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था और उसे प्रताड़ित किया था, जिसके बाद से वह जिंदगी के लिये जूझ रही थी। लड़की के अंतिम संस्कार के तरीके को लेकर देश के कई हिस्से में प्रदर्शन होने और नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के अपना विरोध मुखर करने के बीच एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह 'परिवार की इच्छा के अनुसार किया गया। 

पुलिस शव को अंतिम संस्कार के लिये जबरन ले गई : लड़की का भाई

लड़की के एक भाई ने कहा, ''पुलिस शव को अंतिम संस्कार के लिये जबरन ले गई। वे लोग मेरे पिता को भी साथ ले गये थे। जब मेरे पिता दिल्ली से हाथरस पहुंचे तो उन्हें फौरन ही पुलिस श्मशान घाट ले गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने के निर्देश दिए। 

योगी ने लड़की के पिता से बात की, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया

योगी ने लड़की के पिता से भी बात की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस घटना ने निर्भया सामूहिक बलात्कार की यादें ताजा कर दी। दलित लड़की से 14 सितंबर को चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। उसे इलाज के लिये सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया था। लड़की की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी, उसे लकवा मार गया था और जीभ भी कट कई थी। मंगलवार तड़के तीन बजे उसकी मौत हो गई। 

संलिप्त लोग गिरफ्तार, एफआईआर में धारा 302 (हत्या) लगाई गई है

हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि घटना में कथित तौर पर संलिप्त लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है । उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) लगाई गई है। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच पीड़िता के परिजन मंगलवार रात सफदरजंग अस्पताल से 180 किमी दूर हाथरस रवाना हुए। शव को उत्तर प्रदेश पुलिस अपने साथ ले गई। लड़की के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि परिवार के सदस्यों के हाथरस पहुंचने से पहले ही पुलिस शव लेकर यहां पहुंच गई। 

रिश्तेदार ने बताया कि लड़की के पिता के साथ 30-40 लोग श्मशान गये

परिवार के सदस्यों ने बताया कि पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी बहन का शव एक एंबुलेंस में आधी रात को गांव पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस को मकान के पास ही खड़ा रखा गया और उसके पैतृक घर नहीं ले जाया गया, बल्कि सीधे श्मशान घाट ले जाया गया। एक अन्य रिश्तेदार ने बताया कि लड़की के पिता के साथ 30 से 40 लोग श्मशान गये। एक अधिकारी ने बताया कि वहां आधी रात को पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये वहां के कथित वीडियो के मुताबिक कुछ पुलिस कर्मी दंगा रोधी वेस्ट और हेलमेट पहने हुए थे। 

लड़की के रिश्तेदार ने कहा, लड़की से बलात्कार नहीं हुआ, यह बात गलत है

शोकाकुल परिवार के साथ घर पर मौजूद रिश्तेदार ने कहा, ''हम यह समझने में नाकाम रहे कि वे लोग क्या चाहते हैं...यह किस तरह की राजनीति है? वे लोग यह बयान दे रहे हैं कि लड़की से बलात्कार नहीं हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया, ''वे मामले की लीपापोती करने के लिये यह सब कर रहे हैं। हालांकि, हाथरस के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार ही अंतिम संस्कार किया गया। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये परिवार की अनुमति और सहयोग लिया गया। उन्होंने बताया कि लड़की के गांव में और हाथरस में स्थिति सामान्य है।

घटना के विरोध में हाथरस में काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये

संपर्क किये जाने पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने पीटीआई-भाषा को मोबाइल फोन पर भेजे एक संदेश में कहा, ''सभी प्रक्रिया परिवार की इच्छा के अनुसार की गई। इस घटना के विरोध में हाथरस में काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये और प्रदर्शन किया। पीड़िता की मौत की खबर फैलते ही दिल्ली और हाथरस में नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी कलाकारों तथा कार्यकर्ताओं सहित समाज के सभी तबकों के लोगों में रोष छा गया और उन्होंने प्रदर्शन किया। उन्होंने पीड़िता के लिये न्याय की मांग की। दिल्ली में यूपी भवन के पास योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान वाम दलों और कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। 

प्रियंका गांधी ने कहा, ''मैं हाथरस पीड़िता के पिता से फोन पर बात कर रही थी, तभी मौत की खबर आई

विपक्षी नेताओं ने अंतिम संस्कार की परिस्थितियों और समय को लेकर सवाल उठाये। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ''मैं हाथरस पीड़िता के पिता से उस वक्त फोन पर बात कर रही थी जब उन्हें सूचना मिली थी कि उनकी बेटी अब नहीं रही। मैंने उन्हें बदहवास होकर रोते सुना। प्रियंका ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ''वह मुझसे बस इतना कह रहे थे कि वह अपनी बच्ची के लिये इंसाफ चाहते हैं। बीती रात पीड़िता के पिता को अपनी बेटी को अंतिम संस्कार के लिये घर ले जाने और उसका अंतिम संस्कार करने से वंचित कर दिया गया। उन्होंने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए कहा, ''इस्तीफा दे दीजिए। पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा करने के बजाय आपकी सरकार की हर एक मानवाधिकार से उसे (पीड़िता को) वंचित करने में मिलीभगत रही है,, यहां तक कि मौत की स्थिति में भी । आपको मुख्यमंत्री पद पर बने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 

मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट में कहा, ''रात को अन्तिम संस्कार कर देना संदेह व आक्रोश पैदा करता है"

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट में कहा, '' यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।

अखिलेश यादव ने कहा, ''हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड में शासन के दबाव में है

समाजवादी पार्टी प्रमुख एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ''हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी। विपक्ष ने इस घटना को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर हमले करते हुए प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करवाने और पीड़ित परिजन को 50 लाख रुपये देने की भी मांग की है। जिला प्रशासन ने 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है।

हाथरस पुलिस ने विपक्ष और प्रदर्शनकारियों के आरोपों को ख़ारिज किया

घटना के बाद से अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। सोमवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिये दिल्ली भेजा गया था। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार लड़की जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर थी। हाथरस पुलिस ने एक बयान जारी कर इन खबरों का खंडन किया कि शव का परिवार की अनुमति के बगैर अंतिम संस्कार कर दिया गया। बयान में कहा गया, ''हाथरस पुलिस इन खबरों का खंडन करती है। सच्चाई यह है कि परिवार के सदस्यों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में रस्मों के मुताबिक शव की अंत्येष्टी की।

मानवाधिकार आयोग ने नोटिस भेजा, महिला आयोग ने जांच करने की बात कही

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने घटना के सिलसिले में उप्र सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने बुधवार को देश के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिख कर उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया, जो हाथरस सामूहिक बलात्कार एवं हत्या कांड की कथित रूप से लीपापोती करने में शामिल हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि वह उप्र पुलिस से स्पष्टीकरण मांगेगी। आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ''परिवार को अंतिम संस्कार की रस्म में क्यों नहीं शामिल किया गया?"

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