बिल्डर के दफ्तर में बैठकर अफसरों ने ऐंठे 10 लाख रुपए

नोएडा की जेपी सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर बड़ा खेला : बिल्डर के दफ्तर में बैठकर अफसरों ने ऐंठे 10 लाख रुपए

बिल्डर के दफ्तर में बैठकर अफसरों ने ऐंठे 10 लाख रुपए

Google Image | जेपी अमन हाउसिंग सोसाइटी (इसी में हुआ लाखों रुपए का खेला)

NOIDA : जेपी अमन हाउसिंग सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर बड़ा खेला हुआ है। सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर निवासियों से करीब 2 लाख रुपए से भी अधिक की वसूली की गई। कुछ लोग सोसाइटी के भीतर यूपीपीसीएल के अधिकारी बनकर पहुंचे और करीब 1,000 लोगों से एक-एक हजार रुपए वसूल लिए हैं। यह खेला पिछले करीब 4 महीनों से चल रहा था, लेकिन जब 15 दिन पहले यूपीपीसीएल की असली टीम पहुंची तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। अब इसको लेकर जेपी अमन हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने पुलिस से शिकायत की है। 

जिले में बना चर्चा का विषय
सोसायटी के लोगों ने बिल्डर और एओए पर मिलीभगत करके फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। वहीं, दूसरी ओर नोएडा और ग्रेटर नोएडा की विभिन्न हाउसिंग सोसाइटी में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सबसे अहम बात है कि बिल्डर इस मामले में अब अपना पल्ला झाड़ रहा है। वहीं, एओए का भी इसमें हाथ पीछे हटा लिए है।

4 महीने पहले शुरू हुआ था खेला 
सोसाइटी के निवासी शिव चौधरी का कहना है कि करीब 4 महीने पहले यह खेला शुरू हुआ था। बिल्डर के दफ्तर में यूपीपीसीएल के कुछ अधिकारी और कर्मचारी आए थे। उन्होंने मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाने के नाम पर 20,720 रुपए की मांग की थी, लेकिन यह कीमत काफी ज्यादा थी। क्योंकि बिजली कनेक्शन के नाम पर सोसाइटी के निवासी पहले ही बिल्डर को 12,390 रुपए दे चुके थे। इसलिए निवासियों ने मना कर दिया। उसके बाद यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने कहा कि वह किस्तों के माध्यम से मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर पैसे दे सकते हैं। जिसको लेकर सोसायटी के निवास तैयार हो गए।

200 निवासियों ने दिए हजारों रुपए
उन्होंने बताया कि सोसाइटी में इस समय 4,000 से भी अधिक परिवार रहते हैं। मल्टीपाइंट कनेक्शन के लिए इनमें से 1,000 निवासियों ने अपने आप को यूपीपीसीएल का अधिकारी बताने वाले लोगों को एक-एक हजार रुपए दे दिया। उन्होंने अपना क्यूआर कोड साझा किया। जिसका नाम एमके इंटरप्राइजेज था। उन्होंने बताया कि 400 लोगों ने तो ऑनलाइन पेमेंट की है और बाकी लोगों ने अपने आपको यूपीपीसीएल का अधिकारी बताने वाले लोगों को कैश भी दिया। 

15 दिन पहले हुआ खुलासा
उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन पहले यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने एक और कैंप लगाया। उन्होंने मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर लोगों से जब बातचीत की तो पुराने मामले को लेकर लोगों ने जानकारी साझा की। यह सुनकर यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले कभी भी उनके अधिकारी या कर्मचारी इस सोसाइटी में नहीं आए हैं। इस तरीके का कोई भी पैसा नहीं लिया गया है। यह जवाब सुनने के बाद निवासियों के होश उड़ गए।

140 रुपए काटकर वापस दे रहे
सोसाइटी के निवासी रविंद्र कुमार का कहना है कि यह पूरा खेल मिलीभगत से हुआ है। करीब 1,000 लोगों ने मल्टीपाइंट कनेक्शन के लिए पैसे दिए थे। उनमें से कुछ लोगों के पैसे वापस मिल चुके हैं। इसके बाद एओए पर शक की सुई घूम गई है। एओए लोगों से दावा कर रहा है कि वह बहुत ही जल्द सभी लोगों के पैसे वापस दिलवा देगा। इसका मतलब साफ है कि इस पूरे खेल के बारे में एओए को पहले से पता था। रविंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि एओए 1,000 में से 140 रुपए काटकर वापस दिलवा रही है।

बिल्डर और एओए पर मिलीभगत का आरोप
इस पूरे मामले में निवासियों ने जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया। सोसायटी के लोगों को कहना है कि बिल्डर के दफ्तर में ही यूपीपीसीएल के अधिकारी बैठे थे। अब बिल्डर के प्रतिनिधि से इस बारे में पूछा जा रहा है तो वह अपना पल्ला झाड़ रहा है और एओए ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। जबकि, एओए के कुछ सदस्यों ने ही सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर जानकारी साझा करवाई थी। ऐसे में सोसाइटी के निवासियों ने बिल्डर के प्रतिनिधि और एओए पर मिलीभगत करके फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है।

एओए के अध्यक्ष ने कहा- आरोप निराधार हैं
इस मामले में जेपी अमन हाउसिंग सोसायटी के एओए अध्यक्ष योगेश सिंह का कहना है, "कुछ नहीं वासियों की ओर से लगाए गए यह आरोप बेबुनियाद हैं। एमके इंटरप्राइजेज द्वारा की गई धोखाधड़ी से अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन का कोई लेना देना नहीं है। जानकारी मिलने के बाद तुरंत इस मामले की शिकायत थाने में की गई थी। मैंने खुद पूरे प्रकरण की पुलिस से शिकायत की है।" उनका आगे कहना है, "जेपी अमन सोसाइटी में विद्युत कनेक्शन के नाम पर 5 लोग पहुंचे थे। उन्होंने निवासियों से मल्टीपाइंट कनेक्शन के नाम पर एक-एक हजार रुपए लिए थे। करीब 40 से 50 लोगों ने भुगतान कर दिया था। फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर मामले की शिकायत पुलिस से की है। मैंने पुलिस से शिकायत करने से पहले बिजली विभाग के अफसरों से भी बातचीत की। जब अधिकारियों ने इसको लेकर कोई जवाब नहीं दिया तो मामले की शिकायत पुलिस से की गई।" योगेश कहते हैं कि बिल्डर ने स्थाई विद्युत कनेक्शन देने के लिए सभी निवासियों से पैसा लिया था। आज तक स्थाई कनेक्शन नहीं दिया गया है। इस लड़ाई को हम सब लोग मिलकर लड़ रहे हैं। यह सारे आरोप कुछ निवासियों ने राजनीति से प्रेरित होकर लगाए हैं।

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