नोएडा पुलिस के 436 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कमिश्नरेट ने बनाई रणनीति, जानें क्या

BIG NEWS : नोएडा पुलिस के 436 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कमिश्नरेट ने बनाई रणनीति, जानें क्या

 नोएडा पुलिस के 436 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कमिश्नरेट ने बनाई रणनीति, जानें क्या

Google Image | नोएडा पुलिस के 436 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए,

रोजाना जारी कोविड रिपोर्ट के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। लेकिन नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में तैनात 436 पुलिसकर्मी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। पुलिस कमिश्नरेट में संक्रमित कर्मियों में से 289 पुलिसकर्मी महामारी से ठीक हो गए हैं। जबकि 147 पुलिसकर्मियों का अस्पतालों, क्वारंटीन सेंटर और होम आइसोलेशन में उपचार चल रहा है। कोविड के मरीजों में ब्लैक फंगस की आशंका अधिक होने के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। 

436 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए
पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। संक्रमितों को हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। पुलिस उपायुक्त मुख्यालय/ लाइन मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में तैनात 436 पुलिसकर्मी अब तक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें आरक्षी से अफसर तक शामिल हैं। राहत की बात यह है कि रिकवरी रेट बेहतर है। इस वजह से जनपद में 289 पुलिसकर्मी महामारी को मात दे चुके हैं। 

147 संक्रमितों का इलाज चल रहा है
इस वक्त जनपद के विभिन्न अस्पतालों, क्वारंटीन सेंटर और होम आइसोलेशन में 147 संक्रमित कर्मियों का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। इसलिए पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर ने कोविड-19 के उपचार के दौरान ठीक हुए पुलिसकर्मियों तथा उपचार करा रहे पुलिसकर्मियों में ब्लैंक फंगस बीमारी ना फैले, इसके लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में यह बीमारी ज्यादा फैल रही है। 

हेल्पलाइन टीम संपर्क में है
इसको ध्यान में रखकर संक्रमित मरीजों की मदद के लिए बनाई गई हेल्पलाइन टीम द्वारा उनसे लगातार संपर्क किया जा रहा है। कात्यायन ने बताया कि हेल्पलाइन टीम द्वारा पुलिस कर्मियों को बताया जा रहा है, कि वे किस तरह से अपना ध्यान रखें। अगर उन्हें ब्लैक फंगस बीमारी के संक्रमण का शक होता है, तो तुरंत अपने अधिकारियों को बताएं। ताकि उनका उचित उपचार करवाया जा सके। डीसीपी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के संक्रमित परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। ताकि वे भी इस बीमारी की चपेट में न आएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई पुलिसकर्मी इस फंगस का शिकार होता है, तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करवा कर उसका उपचार करवाया जाएगा।

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