दस साल बाद गुनहगारों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, 2013 में हुई थी हत्या 

नोएडा में पिता को इंसाफ दिलाने के लिए पहना काला कोट : दस साल बाद गुनहगारों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, 2013 में हुई थी हत्या 

दस साल बाद गुनहगारों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, 2013 में हुई थी हत्या 

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Noida News : नोएडा में 2013 में हुए हत्याकांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 10 साल बाद आरोपी पिता और उसके पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में मृतक पाले राम के बेटे ने नौकरी छोड़कर वकालत की और अपने पिता के गुनहगारों के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ते हुए आखिरकार आरोपी सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब रहे।

क्या है पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक, नोएडा के रायपुर खादर में रहने वाले पाले राम एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। वह यमुना तट पर अवैध खनन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके चलते उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त उन पर गोली चलाई गई वह अपने घर के आंगन में खाट पर सो रहे थे। अस्पताल ले जाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। 31 जुलाई 2013 को उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस घटना के बाद पाले राम के बेटे आकाश ने हत्या के लिए राजपाल चौहान और उनके तीन बेटों के नाम देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पिता को इंसाफ दिलाने की ठानी 
पाले राम के बेटे आकाश तब निजी कंपनी में काम करते थे। इस मामले में तरीके बढ़ती चली गईं, लेकिन हत्यारों को कोई सजा नहीं मिल पायी। फिर आकाश ने अपने पिता के गुनहगारों को सजा देने की ठानी और नौकरी छोड़कर कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने एक वकील के रूप में जिला अदालत में अपनी प्रेक्टिस शुरू की और मुकदमा लड़ा।

माफिया ने की थी हत्या 
आकाश ने बताया कि स्थानीय माफिया ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में 250 एकड़ ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा कर लिया और बिना किसी अनुमति के रेत का खनन शुरू कर दिया। वे स्टोन क्रेशर का भी उपयोग करते थे। रेत और पत्थर ले जाने वाले ट्रक पूरी रात चलते थे, इसलिए उन्होंने पास के खेत को नुकसान पहुंचाया और फिर पाले राम ने विरोध करने का फैसला किया। आकाश के पिता पाले राम ने पुलिस और जिला प्रशासन में कई शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने 2012 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। तभी रेत माफिया अधिक आक्रामक हो गए और उन्हें धमकी देने लगे। इसके बावजूद भी पाले राम ऐसे माफिया से लड़ाई लड़ी। 31 जुलाई 2013 को एक बाइक पर सवार होकर आए तीन लोगों ने पाले राम के सिर, सीने और हाथ पर छह गोलियां चलाकर छलनी कर दिया। घायल पाले राम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद भाई को भी माफिया ने मार डाला।

आजीवन कारावास की सजा 
इस हत्याकांड के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई पाले राम की हत्या के बाद एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित कर दिया गया। ऐसा आरोप था कि रेत माफिया पर कार्रवाई के लिए नागपाल को निलंबित कर दिया गया था। बेटे की मेहनत रंग लाई और घटना के दस साल बाद इलाहबाद हाईकोर्ट ने पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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