अस्थायी कनेक्शन में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार करने वाला बाबू सस्पेंड, 23 के तबादले हुए, पढ़ें रिपोर्ट

बड़ी खबर: अस्थायी कनेक्शन में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार करने वाला बाबू सस्पेंड, 23 के तबादले हुए, पढ़ें रिपोर्ट

अस्थायी कनेक्शन में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार करने वाला बाबू सस्पेंड, 23 के तबादले हुए, पढ़ें रिपोर्ट

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Noida News: अस्थायी कनेक्शन के नाम पर 100 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ था। इस मामले की जांच के दौरान अस्थायी कनेक्शन में घोटाला करने वाले नोएडा डिवीजन के बाबू गोविंद पाठक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। बाबू गोविंद पाठक के कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए कठोर कार्रवाई की संतुष्टि की गई है। बता दें कि बाबू 17 सितंबर से बिना किसी सूचना के कार्यालय मैं अनुपस्थित चल रहा है। 

ग्रेटर नोएडा डिवीजन ने 9 जुलाई को बिजली निगम में अभियंता रहे केपी सिंह के मेरठ मुख्यालय मैं तबादले के बाद अभियंता देवेंद्र सिंह कार्यभार संभाले हुए हैं। नए अभियंता को दफ्तर के कागजी काम में कुछ गड़बड़ी का एहसास हुआ। 14 जुलाई को उन्होंने मौखिक रूप से अस्थायी कनेक्शन, स्थायी कनेक्शन, कोर्ट केस और आरटीआई इत्यादि कार्य देख रहे बाबू गोविंद पाठक से सारे दस्तावेज मांगे। लेकिन बाबू ने दस्तावेज नहीं दिए। फिर 23 जुलाई को उन्होंने लिखित रूप में दस्तावेज मांगे, लेकिन फिर भी दस्तावेज नहीं दिए। दस्तावेज नहीं मिलने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से बैठक कर जांच की मांग करी। 

जांच के बाद हुआ मामले का खुलासा 
निगम के चेयरमैन ने मामले की जांच कमेटी बनाकर तुरंत जांच शुरू करा दी। जांच कमेटी ने अस्थायी कनेक्शन में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले का खुलासा किया। जिसके बाद एमडी कार्यालय द्वारा पत्र पर एक्शन लेते हुए गोविंद पाठक की अनियमितता और गंभीर रूप से लापरवाही बरतने पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। इस दौरान बाबू बुलंदशहर मुख्य अभियंता वितरण के ऑफिस में काम करेंगे। बाबू के सस्पेंड होने के बाद निगम के उच्चाधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है। 23 अभियंताओं के दूसरे जिलों में तबादले करे गए हैं। 

पहले भी लगे थे बाबू पर गड़बड़ी के आरोप 
वर्ष 2019 से बाबू गोविंद पाठक ग्रेटर नोएडा डिवीजन मैं तैनात है। उन पर आरोप है कि वह उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले करते आ रहा है। अभियंता ने बताया कि बाबू ने एक किसान के कनेक्शन की रसीद काटी। लेकिन किसान का बिजली कनेक्शन नहीं हुआ। जिसकी किसान ने जिलाधिकारी से शिकायत करी कर दी। जिलाधिकारी ने मामले की जांच रिपोर्ट मांगी। बाबू से कई बार मामले के मूल दस्तावेज भी मांगे गए, लेकिन डीएम को कोई दस्तावेज नहीं दिए गए। 

अस्थायी कनेक्शन के मीटरो में नो-डिस्पले दिखाकर कम पैसों का बिल बनाया जाता था। उनका सामान्य लोड पर कम यूनिट का बिल बनाया जाता था। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि उपभोक्ता के कनेक्शन के दस्तावेज में 2 किलो वाट का कनेक्शन लोड मिला और 2 किलोवाट के आधार पर ही उपभोक्ता का बिल बनाया जाता है। जबकि मौके पर 16 से 25 एमएम के केबल से सप्लाई  हो रही थी। 16 से 25 एमएम की केबल पर कम से कम 40 से 70 किलो वाट तक के कनेक्शन की सप्लाई दी जाती है। इससे पता चलता है कि बड़े उपभोक्ताओं या बिल्डरों को लाभ दीया गया और निगम को भारी नुकसान हुआ। 

पीवीवीएनएल प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा मैं बताया कि विद्युत निगम में भ्रष्टाचार और कार्य मैं कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गंभीर आरोप होने पर बाबू गोविंद पाठक को तत्काल प्रबंध से सस्पेंड कर दिया गया है। और आगे भी दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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