सारे रिकॉर्ड टूटे, आबकारी ने कमाए इतने करोड़ रुपये

देसी-विलायती शराब छोड़ बीयर बनी नोएडा की पहली पसंद : सारे रिकॉर्ड टूटे, आबकारी ने कमाए इतने करोड़ रुपये

सारे रिकॉर्ड टूटे, आबकारी ने कमाए इतने करोड़ रुपये

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida : गौतमबुद्धनगर में शराब का सेवन करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में अंग्रेजी से ज्यादा देसी शराब पी जा रही है। मगर सबसे ज्यादा बीयर की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर अधिक मात्रा में लोग बीयर का सेवन कर रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार जनपद में अंग्रेजी से ज्यादा देसी शराब की बिक्री हो रही हैं। मगर उससे भी ज्यादा जिले के लोग बीयर गटक रहे हैं। तीन साल में बीयर की खपत करीब ढाई गुना तक बढ़ गई है। लोगों का शौक आबकारी विभाग का राजस्व पूरा कर रहा है।

साल 2022-23 में बीयर की खरीददारी
एनसीआर में रहने वाले लोगों के पास पैसों की कमी नहीं है। हालांकि बीयर की कीमत कम होने से भी इसकी बिक्री बंपर हुई है। अब लोग दिल्ली जाने की जगह यहीं से बीयर और अन्य शराब खरीद रहे हैं। साल 2022-23 में बीयर की 4.34 करोड़ केन (500 एमएल) बिकी हैं। वहीं, देसी शराब की बिक्री में 30 और अंग्रेजी शराब की बिक्री में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जिले में नौकरी कर रहे प्रवासियों सहित करीब 25 लाख की आबादी है। इनमें बड़ी संख्या में लोग शराब के शौकीन हैं। यहां वर्ष 2020- 21 में बीयर की खपत 1.63 करोड़ केन थी।

शराब की 1.58 करोड़ बोतल बिकी
दूसरे नंबर पर देसी शराब की मांग अधिक है। साल 2020-21 में देसी शराब की 1.58 करोड़ बोतल बिकी थीं। जो साल 2022-23 में बढ़कर 1.93 करोड़ बोतल हो। गईं। हालांकि अंग्रेजी शराब की बिक्री में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है। साल 2020-21 में 84 लाख बोतलें (750 एमएल) बिकी थीं। जबकि वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1.25 करोड़ बोतल पहुंच गई। विभाग को चालू वित्तीय वर्ष में शराब की खपत और बढ़ने की उम्मीद है। आपको बता दें जिले में इस समय शराब की 535 दुकान हैं। इनमें देसी की 231, अंग्रेजी की 140, बीयर की 138 और 25 मॉडल शॉप शामिल हैं।

गर्मी में बीकर की मांग बढ़ी : आबकारी अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी आरबी सिंह ने बताया कि जिले में पहले बीयर की कीमत अधिक थी, लेकिन सरकार की नई नीति के चलते अब कीमत कम हो गई है। इससे भी बिक्री बढ़ी है। गर्मी में बीकर की मांग भी अधिक रहती है। वहीं, दूसरे राज्यों से तस्करी कम होने के कारण देसी व अंग्रेजी शराब की बिक्री बढ़ी है।

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