सीबीआरआई करेगी सुपरटेक केपटाउन की जांच, प्राधिकरण की टीम ने निर्माण में पाईं खामियां, पूरी जानकारी

बड़ी खबर : सीबीआरआई करेगी सुपरटेक केपटाउन की जांच, प्राधिकरण की टीम ने निर्माण में पाईं खामियां, पूरी जानकारी

सीबीआरआई करेगी सुपरटेक केपटाउन की जांच, प्राधिकरण की टीम ने निर्माण में पाईं खामियां, पूरी जानकारी

Google Image | सीबीआरआई करेगी सुपरटेक केपटाउन की जांच

Noida News : नोएडा के सबसे ज्यादा फ्लैट्स और आबादी वाली हाउसिंग सोसायटी सुपरटेक केपटाउन के निवासियों को लंबे अरसे के इंतजार के बाद आशा की किरण दिखाई दी है। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की टीम जल्द ही सेक्टर-74 में स्थित केपटाउन सोसाइटी की जांच करेगी। निवासी लंबे वक्त से नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से इन इमारतों की जांच कराने की मांग कर रहे थे। बीच में अथॉरिटी ने आईआईटी दिल्ली से इसका ऑडिट कराने का फैसला लिया था, लेकिन कुछ वजह से इसे अंतिम रूप में दिया जा सका। 

टीम ने किया था दौरा
बताते चलें कि लाखों लोगों की आबादी वाले केपटाउन में आए दिन प्लास्टर टूटकर गिरने, लिफ्ट फंसने, बेसमेंट में रिसाव और दीवारों में दरार जैसे घटनाएं सामने आती हैं। सुपरटेक केपटाउन हुए के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया, हम लंबे वक्त से प्राधिकरण से बिल्डिंग के ऑडिट की मांग कर रहे थे। एओए की शिकायत पर अमल करते हुए नोएडा प्राधिकरण की टीम इसी साल 5 और 7 जनवरी 2021 को केपटाउन में आई थी। उन्होंने 11 जनवरी को प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट में कई बड़ी खामियों को उजागर किया था। टीम ने बिल्डर सुपरटेक को 15 दिन में सारी खामियां ठीक करने का समय दिया था। परंतु बिल्डर ने निर्माण की कमियों को ठीक नहीं कराया।

सीबीआरआई को लिखा खत
इसके बाद 3 फरवरी 2021 को केपटाउन एओए के अध्यक्ष अरुण शर्मा के पत्र पर एक्शन लेते हुए सीईओ ऋतु महेश्वरी ने केपटाउन प्रोजेक्ट की कमियों की जांच आईआईटी दिल्ली से कराने का आदेश भी दिया था। मगर आईआईटी दिल्ली की टीम जांच करने सोसाइटी में नहीं आ सकी। न ही बिल्डर सुपरटेक ने कमियों को ठीक कराया। केपटाउन एओए की लगातार मांग और निवासियों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अब अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा ने केपटाउन के ऑडिट के लिए रूड़की में स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) के निदेशक को पत्र लिखा है। सीबीआरआई भारत सरकार का विशेषज्ञ और प्रतिष्ठित संस्थान है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमेरॉल्ड कोर्ट ट्विन टावर को गिराने में इस संस्था को नियुक्त करने का आदेश दिया था। 

52 टावर बने हुए हैं
सीबीआरआई को भेजे अपने पत्र में एसीईओ नेहा शर्मा ने लिखा है, सेक्टर-74 नोएडा में स्थित केपटाउन को सुपरटेक लिमिटेड ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया है। इसका क्षेत्रफल 209271.47 वर्ग मीटर है। इस प्रोजेक्ट में कुल 52 टावर निर्मित हैं। इनमें से 37 टावर को अधिभोग प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं और यहां हजारों लोग रह रहे हैं। इनका कुल कवर्ड एरिया करीब 5,90,000 वर्ग मीटर है। इन फ्लैट आवंटियों और केपटाउन एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ज्यादातर टावरों में प्लास्टर गिरने, बेसमेंट में लीकेज के कारण स्ट्रक्चर जैसे कॉलम, बीम, छत के कमजोर होने की शिकायत नोएडा प्राधिकरण में लगातार की है। यहां निवास कर रहे हजारों निवासियों के हितों को देखते हुए इस परियोजना में निर्मित इन 37 टावरों का स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाना अति आवश्यक है। कृपया इस पर तत्काल संज्ञान लें। 

दुरुस्त होंगी निर्माण खामियां
एओए अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया, सोसाइटी में प्लास्टर गिरने, लिफ्ट फंसने और बेसमेंट में पानी के रिसाव, ईंट गिरने समेत कई प्रकार की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसा एक बार नहीं बार-बार होता है। बिल्डर से भी सैकड़ों बार शिकायतें की गई हैं। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उम्मीद है कि सीबीआरआई की टीम विजिट के बाद निर्माण से जुड़ी खामियां प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराई जाएंगी।

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