सीडीएस बिपिन रावत का नोएडा में है घर, 2019 में शहीद स्मारक के वार्षिक समारोह में हुए थे शामिल

CDS Helicopter Crash : सीडीएस बिपिन रावत का नोएडा में है घर, 2019 में शहीद स्मारक के वार्षिक समारोह में हुए थे शामिल

सीडीएस बिपिन रावत का नोएडा में है घर, 2019 में शहीद स्मारक के वार्षिक समारोह में हुए थे शामिल

Google Image | बिपिन रावत का मकान

Bipin Rawat Helicopter Crash : बुधवार दोपहर को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में हुई हवाई दुर्घटना में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई है। उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्य अधिकारी-सुरक्षाकर्मी भी हादसे का शिकार हो गए। बिपिन रावत का नोएडा से घर का रिश्ता रहा है। उनका मकान सेक्टर 37 में है जहां उनके करीबी संबंधी रहते हैं। 

नोएडा के सेक्टर 37 में बिपिन रावत का मकान स्थित है। रावत के आर्मी चीफ बनने से पहले उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल एस एस रावत यहां रहते थे। जिनके साथ सीडीएस के बच्चे भी यहां रहते थे। पूरा परिवार फिर दिल्ली में रहने लगा। लेकिन आसपास के पड़ोसियों से रिश्ता आज भी कायम है। कार्यक्रमों में शहर के लोगों से मिलना जुलना हुआ करता था।

2 मार्च 2019 में आए थे नोएडा
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत 2 मार्च 2019 को आखरी बार किसी कार्यक्रम में उपस्थित होने नोएडा आना हुआ। शहीद स्मारक के वार्षिक समारोह में बतौर चीफ गेस्ट के रुप में शामिल हुए थे। जहां सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने उनका स्वागत किया था। सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के मौत की खबर के बाद से नोएडा के सेक्टर 37, 29,28,24 और ग्रेटर नोएडा स्थित आर्मी सोसाइटियों में सन्नाटा छाया हुआ है। रावत ने करीब 40 वर्षों तक भारतीय सेना में काम किया। उनके नाम पर कई शानदार उपलब्धियां दर्ज हैं।

उत्तराखंड के मूल निवासी थे जनरल रावत
रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था। इस हिंदू गढ़वाली परिवार में कई पीढ़ियों से कई लोग भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंज गांव से थे और जनरल के पद तक पहुंचे। उनकी मां उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी से पूर्व एमएलए किशन सिंह परमार की बेटी थीं। रावत ने देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में शामिल हुए। एकेडमी में उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर' से सम्मानित किया गया।

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