Google Image | कांग्रेस ने पीएम मोदी की नीति पर उठाए सवाल
कांग्रेस की विधान मंडल नेता आराधना मिश्रा मोना ने केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति को लेकर कहा की कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। प्रतिदिन एक करोड़ वैक्सीनेशन हर भारतीय को सुनिश्चित करवाई जाये ताकि उनको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नही करना पड़े। अभी उन्होंने ये भी कहा है की यूर्निवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन दिलवाने के लिए मोदी सरकार हर तरफ से फेल हो रही है। इन सब के बीच पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हर दिन सरकार को आगाह कर रहे हैं। लेकिन मोदी व योगी सरकार उनके सुझावों को सुनने को तैयार नहीं है।
फिर उन्होंने कहा वही अमेरिका की उप राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस से भारत के प्रधानमंत्री ने फोन पर बात की। उनसे बात होने के बाद इसे कूटनीतिक विजय बताते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को कोविड 19 की वैक्सीन देने की बात कही है।
अमेरिका दुनिया के लगभग 19 देशों को कोविड टीके दे रहा है जिनमे भारत, कनाडा, मैक्सिको ओर कोरिया को लगभग 70 लाख टीके की खुराक दे रहा है। इस तरह भारत को बहुत ही कम टीके मिल रहे हैं।
फिर उन्होंने कहा कि दुःख होता है एक भारतीय होने के नाते मैं विदेश के संबधों पर भरपूर समर्थन सरकार को देती हूँ किन्तु सवाल उठता है कि हमारे देश वाशियों और देश के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दुनिया के 72 देशों क्यों बांटी गयी है और अब उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रों के सामने हाथ जोड़कर अनुनय विनय कर रहे हैं और वह भी तब जब भारत के विदेश मंत्री एक सप्ताह तक अमेरिका में कैम्प कर रहे थे। क्या तब भी अमेरिका की राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री से बात करने को तैयार नहीं हुये जो उन्हें अमेरिका की उप राष्ट्रपति से बात करनी पड़ी।
शायद कहीं न कहीं कूटनीतिक तनाव अवस्य है कि प्रधानमंत्री ने जो अमेरिका में जाकर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप का चुनाव प्रचार किया था और अहमदाबाद में उनका प्रचार किया था और एक साधारण कार्यकर्ता की तरह नारा लगवाया था कि अबकी बार ट्रंप सरकार।
ये भारत की स्थापित विदेश नीति से पलायन था देश के प्रधानमंत्री रहे पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी बाजपेयी व मनमोहन सिंह ने भारत की विदेश नीति का पूरी तरह पालन किया था कि भारत किसी भी देश की अंतरराष्ट्रीय मामलों में या चुनाव में दखल नहीं देगा। नरेन्द्र मोदी को इससे बचना चाहिए था। उन्होंने भारत का अहित किया है और आज उसकी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है।