Noida News : कोनरवा ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी को पत्र लिखा है। इस बार संस्ता ने शहर के कुछ मुद्दों को उठाया है और साथ ही कुछ सुझाव भी दिए है। संस्ता ने लिखा कि नोएडा उत्तर प्रदेश का आर्दश शहर और यहां का इन्फ्रास्ट्रेक्चर का विकास प्राधिकरण द्वारा काफी अच्छा से किया गया है। सभी योजनाए शिघ्रता से पूरी भी की गई है। परन्तु कुछ योजनााओं को पूर्ण करने में काफी विल्मभ हो रहा है। जिससे आवागमन में शहर के नागरिको को काफी परेशानी हो रही है। समभ्वतः विल्मभ के कारण प्राधिकरण का खर्च भी बढ़ गया होगा।
शहर के विकास और रखरखाव की कोई निश्चित योजना, आगामी 5 व 10 वर्ष से अभी तक नही बनाई गई है। साथ ही कोन सा कार्य को समय प्रणाली के अनुसार कब शुरू करना है और कब समाप्त करना है। उसका स्थाई रिकार्ड या प्रारूप प्राधिकरण द्वारा नही बनाया गया है। जैसे :-
1. शहर के बड़े नालो की सफाई
शहर के बड़े नालो की सफाई प्रत्येक वर्ष विल्म्भ से शुरू होती है और बरसात शुरू होने के उपरान्त भी 50 प्रतिशत कार्य शेष रह जाता है। जबकि ठेका पूरा कार्य को समय से करने के लिए दिया जाता है। बरसात के समय में की गई सफाई से जो कचरा निकाला जाता है। वह बरसात में दोबारा नालों और नालियों में चला जाता है। इस प्रकार केवल धन की बरबादी होती है। इसके लिए दुरगामी योजना स्थाई रूप से बनाई जाए। जिसमें नालों की मरम्मत अन्दर व बाहर से, नालो की बाउन्डरी वाल की मरम्मत, अन्दर को ढलान और नालों के ऊपर से कुड़ा दोबारा उसमें न गिरे। इसके लिए योजना बनाई जानी चाहिए। जिससे प्रति वर्ष यह समस्या न खड़ी हो।
2. भूगर्भ से जल की उपल्बधता के समबंध में-
संस्था द्वारा काफी समय से यह मांग की जा रही है। कि भूमि का जल स्तर दिन प्रति दिन कम हो रहा है। जिसके लिए वाटर की हार्वेस्टिंग की दूरगामी योजना बना कर सुचारू और क्रियान्वित करवाई जानी चाहिए। जिसके लिए संस्था का सुझाव है कि सर्वप्रथम सभी सरकारी प्रतिस्ठानों, प्रशांसनिक कार्यालयो, कारपोरेट औफिस, आईटी औफिस, कम्युनिटि सेन्टर, मेरिज होम, सरकारी बंगले, कॉलेज, स्कूल, विश्वविद्यालय, हाउसिग सोसाईटिज, माल, पार्क, स्टेड़ियम, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन और एयर पोर्ट आदि में क्षेत्रफल के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग कराई जाने चाहिए।
जिसको कराना सीधे तोर पर सरकारी और प्रशासनिक अधिकारीयों के हाथ में है। जिस से काफी वाटर हार्वेस्टिंग होगा और भूजल का स्तर बढ जायगा। इनका कार्यरत रहने के लिए लगाने वाले ठेकेदार को ही 5 वर्ष का ठेका भी दिया जाना चाहिए। जिससे आगामी 5 वर्षो तक सही काम करने के कारण आने वाले समय में भूजल के स्तर में अभूतपूर्व सुधार होगा।