गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर से कोर्ट ने जवाब तलब किया, पूछा- आधी रात को लड़की क्यों उठाई?

आज की बड़ी खबर : गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर से कोर्ट ने जवाब तलब किया, पूछा- आधी रात को लड़की क्यों उठाई?

गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर से कोर्ट ने जवाब तलब किया, पूछा- आधी रात को लड़की क्यों उठाई?

Tricity Today | पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह

Noida News : गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर से गौतमबुद्ध नगर कोर्ट ने सवाल पूछा है, "उन्होंने आधी रात को किस आधार पर एक 24 साल की लड़की को घर से उठाया और उसके साथ मारपीट की।" न्यायालय ने 8 फरवरी 2024 तक नोएडा पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है। एक 24 साल की लड़की ने कोर्ट के सामने शिकायत दर्ज करवाते वक्त बेहद हैरान कर देने वाले और आपत्तिजनक आरोप नोएडा पुलिस के ऊपर लगाए हैं। लड़की ने कोर्ट को बताया कि उसको अवैध हिरासत से छोड़ने के एवज में पुलिस अधिकारियों ने 20 लाख रुपए की मांग की और जब वह पैसे नहीं दे पाई तो उनको जेल भेज दिया गया।

कैसे शुरू हुआ मामला
यह पूरा मामला नोएडा के फेस-3 थाना क्षेत्र का है। पूजा नाम की एक लड़की बीटेक कंप्यूटर साइंस की स्टूडेंट है। वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थी। पूजा की उम्र करीब 24 साल है। वह अपने परिवार के साथ नोएडा के सेक्टर-61 में रहती है। पूजा ने गौतमबुद्ध नगर कोर्ट को बताया, "मेरा जीवन सामान्य तरीके से चल रहा था। बीते 12 मार्च 2023 को मैं अपने घर में थी और अपने एक परिचित से बात कर रही थी। इस दौरान दो गाड़ियां मेरे घर के बाहर आकर रुकीं। दोनों गाड़ियों में पुलिसकर्मी मौजूद थे। जिनमें से 4 पुलिसकर्मियों ने ड्रेस पहनी हुई थी और 4 पुलिसकर्मी बिना यूनिफार्म के थे।"

ये पुलिस वाले आपस में ले रहे थे नाम
पूजा ने कोर्ट को आगे बताया, "सभी पुलिसकर्मी मेरे घर में जबरदस्ती घुस गए। पुलिस कर्मियों ने घर में घुसते ही समान तोड़ना-फोड़ना शुरू कर दिया। मेरे घर में सारा सामान इधर-उधर फेंक दिया। समान फेंकने की आवाज सुनकर हमारे घर का नौकर कल्याण यादव मौके पर आया और पुलिस वालों से पूछने लगा कि यह क्या हो रहा है। इस पर पुलिसकर्मियों ने कल्याण यादव को भी पीटना शुरू कर दिया। सभी पुलिस वाले आपस में अनिल कुमार यादव, प्रीति पंवार, विक्रांत, ओम नारायण त्रिपाठी, राजेश, वरुण और सौरभ नाम ले रहे थे।"

थाना प्रभारी ने लड़की को थप्पड़ मारा
पूजा ने आगे बताया, "पुलिसकर्मी मेरे सामने पुलकित नाम के एक लड़के को लेकर आए और मुझसे पूछा कि क्या मैं उसको जानती हूं। लेकिन मैंने मना कर दिया, क्योंकि मैं उसको जानती ही नहीं थी। उसको मैंने पहली बार देखा था। इसके बाद पुलिस वाले जोर-जोर से मुझ पर चिल्लाने लगे। यह सुनकर हमारा पड़ोसी उमेश कुमार मौके पर आया और उसने कहा कि यह क्या हो रहा है? उसके बाद पुलिस वालों ने उमेश कुमार के घर पर जाकर उसके माता-पिता के साथ बदतमीजी की। पुलिस वालों ने उमेश कुमार का फोन छीन लिया और कहा कि तुझे झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज देंगे। काफी समय तक मारपीट करने के बाद पुलिस वाले मुझे रात करीब 9:32 बजे फेस-3 कोतवाली लेकर चले गए। मैंने कहा कि आप मुझे इस तरीके से आधी रात को गिरफ्तार करके नहीं ले जा सकते। यह सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है। इसके बाद फेस-3 के तत्कालीन थाना प्रभारी विजय कुमार मुझ पर गुस्सा हो गए और मेरे साथ मारपीट करने लगे। थाना प्रभारी विजय कुमार ने मेरी छाती पर जोर से घुसा मार दिया और मेरे कान पर जोर से थप्पड़ मारा। जिसकी वजह से मेरे कान का पर्दा फट गया। इसका मेडिकल मैंने कोर्ट के सामने पेश किया है।"

आधी रात को वापस घर लेकर आई पुलिस
पूजा ने कोर्ट को आगे बताया, "तत्कालीन एसीपी अमित प्रताप सिंह ने मेरे से खाली कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए थे। थाने में मेरे साथ मारपीट की गई। उसके बाद रात को 13 मार्च 2023 की सुबह करीब 1:30 बजे 4 पुलिस वाले मुझे घर वापस लेकर आए। जब मुझे वापस लेकर आए तो मेरे साथ 2 महिला पुलिस वालीं समेत 4 लोग थे। रात को जब मैं घर आई तो मैंने देखा कि मेरी गाड़ी, लैपटॉप और एप्पल कंपनी के ऐरपोड चोरी हो गए हैं। जब मैंने अपने घर के बाहर सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता चला कि पुलिस वाले उठा कर ले गए हैं।"

फर्जी मुकदमे से बचाने के लिए 20 लाख रुपए मांगे
पीड़ित लड़की ने कोर्ट से कहा, "उसके बाद 13 मार्च 2024 की सुबह करीब 7:00 बजे पुलिस वाले फिर घर आए और मुझे जीप में बैठकर ले गए। यह सारी घटना मेरे घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। आरोप है कि इस बार पुलिस ने 20 लाख रुपए की मांग की। पुलिस ने मुझसे कहा कि अगर मैंने पैसे नहीं दिए तो मुकदमा बनाकर जेल भेज दिया जाएगा। उसके बाद दोपहर करीब 2 बजे थाना प्रभारी ने मेरी फोटो क्लिक और मुझे जेल भेज दिया। मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किए गए। आधी रात को मुझे घर से उठाकर परेशान किया गया। मेरा मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया। अगर मैं 20 लाख रुपए दे देती तो शायद झूठे मुकदमे से बच जाती। इस मामले में मैंने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद मैंने जुलाई के महीने में मानव अधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और अन्य विभागों का दरवाजा खटखटाया है।"

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