डूब क्षेत्रों में रहने वाले 5 लाख से अधिक लोगों को नहीं मिलेगी सुरक्षा, जनहानि के खुद होंगे जिम्मेदार 

नोएडा-ग्रेटर नोएडा निवासियों के लिए बड़ी खबर : डूब क्षेत्रों में रहने वाले 5 लाख से अधिक लोगों को नहीं मिलेगी सुरक्षा, जनहानि के खुद होंगे जिम्मेदार 

डूब क्षेत्रों में रहने वाले 5 लाख से अधिक लोगों को नहीं मिलेगी सुरक्षा, जनहानि के खुद होंगे जिम्मेदार 

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida News : नोएडा- ग्रेटर नोएडा डूब क्षेत्रों में 5 लाख से अधिक की आबादी अपने घर बनाकर रह रही है। प्राधिकरण से लेकर जिला प्रशासन तक इसे अवैध बताता है। इसके बाद भी हर साल यहां घरों की संख्या बढ़ रही है। पिछले दिनों डूब क्षेत्र में बाढ़ आई थी। उस दौरान जिला प्रशासन की टीम ने इन लोगों को सुरक्षा दी थी। अब जिला प्रशासन ने यहां रहने वाले लोगों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। जिला प्रशासन ने कहा कि हिंडन नदी के करीब यानी डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बाढ़ के समय सुरक्षा नहीं दी जाएगी। अगर किसी तरह की जनहानि होगी तो लोग स्वयं जिम्मेदार होंगे। 

जनहानि को नहीं रोका जा सकता 
जिले में हिंडन के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण हो रहा है। डूब क्षेत्र में लगातार कॉलोनी काटी जा रही है। छिजारसी से लेकर मोमनाथल तक बड़ी संख्या में मकान बन चुके हैं। यमुना नदी के, डूब क्षेत्र में भी अवैध निर्माण चल रहा है। वहां अवैध रूप से फार्म हाउस बन रहे हैं। साथ ही आवासीय भवन के साथ-साथ स्कूल, क्रेशर प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट और बदरपुर सैंड की धुलाई की हौदियां बनी हैं। सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि अगर बाढ़ आती है तो डूब क्षेत्र के अवैध निर्माण में होने वाली जन-हानि को रोका नहीं जा सकता है। 

अवैध निर्माण करने वालों से होगी वसूली 
जिला प्रशासन ने नए निर्माण को तत्काल बंद करने और पुराने निर्माण को लोगों से स्वयं तोड़ने के लिए कहा है। चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं किया गया  तो फिर प्रशासन की टीम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी। उनका कहना है कि कोर्ट ने डूब क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगा रखी है। ऐसे में अगर किसी तरह की क्षतिपूर्ति होती है तो उसकी भरपाई नहीं की जाएगी। अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की भरपाई निर्माण करने वालों से वसूली जाएगी।

यहां हुए अवैध निर्माण 
अधिकारियों के अनुसार जिन गांवों में अवैध रूप से निर्माण चल रहा है उनमें प्रमुख रूप से छीजारसी, चोटपुर, यूसूफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढी चौखंडी, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, सोरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलीवर्दीपुर, जलपुरा, हल्दोनी, कुलेसरा और हिंडन व यमुना के तटबंध के निकट इलाहाबास, कुलेसरा, सुथ्याना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झटटा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, सफीपुर, चूहड़पुर व मोमनाथल गांव है। जबकि युमना नदी किनारे मोतीपुर, तिलवाडा, मोमनाथल, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली व असदुल्लापुर (हरियाणा की तरफ), ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर आदि है।

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