विद्युत निगम ने गौतमबुद्ध नगर के 108 स्कूलों का कनेक्शन काटा, जानें वजह

बड़ी खबर : विद्युत निगम ने गौतमबुद्ध नगर के 108 स्कूलों का कनेक्शन काटा, जानें वजह

विद्युत निगम ने गौतमबुद्ध नगर के 108 स्कूलों का कनेक्शन काटा, जानें वजह

Google Image | 108 स्कूलों का कनेक्शन काटा

Gautam Buddh Nagar: उत्तर प्रदेश की आर्थिक नगरी और सबसे हाईटेक जिले के सरकारी विद्यालयों का हाल इतना खस्ताहाल है कि बिजली बिल के बकाए के चलते 108 विद्यालयों की आपूर्ति बंद हो गई है। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने बिल जमा नहीं करने पर इन सभी प्राथमिक स्कूलों की बिजली काट दी है। विभाग ने अब तक कुल 108 स्कूलों का कनेक्शन काटा है। इनमें 7 स्कूलों का कनेक्शन स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। दरअसल पूरा पेंच शिक्षा विभाग और शासन स्तर से फंसा है। 

एनपीसीएल से मिली जानकारी के मुताबिक, जिला शिक्षा विभाग पर करीब 1.65 करोड रुपए का भुगतान बकाया है। अप्रैल 2019 के बाद से अब तक विद्युत निगम को भुगतान नहीं किया गया है। एनपीसीएल जनपद के 145 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में बिजली आपूर्ति कराता है। इन सभी में कनेक्शन साल 2010 में शुरू हुए थे। लेकिन शिक्षा विभाग की वजह से इनके बिल का भुगतान समय से नहीं हो पाया। इसके चलते सभी स्कूलों की बकाया धनराशि 1.65 करोड़ रुपए हो गई है।

101 प्राथमिक स्कूलों का कटा कनेक्शन
इस पर एक्शन लेते हुए एनपीसीएल ने बीते बुधवार को डाबरा, मायचा, लुक्सर और तालड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालयों की बिजली काट दी। चीरसी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय का कनेक्शन स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। एनपीसीएल के अफसरों का कहना है कि फिलहाल 101 स्कूलों की बिजली काटी जा चुकी है। इनमें से 7 विद्यालयों के कनेक्शन पूरी तरह से बंद हैं। विद्युत निगम के मुताबिक, अगर बकाए का भुगतान समय से नहीं होगा, तो अन्य विद्यालयों के कनेक्शन काटने की भी कार्रवाई की जाएगी।

ये भुगतान किया गया
दरअसल जिला शिक्षा विभाग बिजली बिल का भुगतान करने में हमेशा पिछड़ा रहा है। रिकॉर्ड के मुताबिक साल 2017 में 5.86 लाख रुपये, साल 2018 में 1.93 लाख और अप्रैल 2019 में 2.20 लाख रुपए का भुगतान किया गया थाl हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मार्च 2018 के बाद से सरकारी स्कूलों का बिल जमा करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपा था। मगर गौतमबुद्ध नगर में एनपीसीएल के लाइसेंस क्षेत्र में आने वाले ज्यादातर स्कूल प्राधिकरण के दायरे में आते हैं। वहां ग्राम पंचायतें नहीं हैं। 

दो साल पहले अवगत कराया था
शिक्षा विभाग ने शासन को इस समस्या से अवगत कराया था। मगर करीब 2 साल बीत चुके हैं और अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। एनपीसीएल के वाइस प्रेसिडेंट (ऑपरेशन) सारनाथ गांगुली ने कहा कि लाइसेंस क्षेत्र में आने वाले ज्यादातर परिषदीय स्कूलों में बिजली का बकाया बिल बढ़ता जा रहा है। शिक्षा विभाग से संपर्क कर भुगतान के लिए कहा गया था, लेकिन विभाग ने बिल जमा नहीं किया। इस वजह से कनेक्शन काटे जा रहे हैं। हालांकि बिल का भुगतान करने के बाद भी आपूर्ति बहाल होगी, इस बारे में अब तक कुछ स्पष्ट नहीं है।

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