द‍िवाल‍िया होने के बावजूद फ्लैट पर रहेगा आपका हक, रडार पर 50 ब‍िल्‍डर 

गौतमबुद्ध नगर में लाखों घर खरीदारों के लिए खुशखबरी : द‍िवाल‍िया होने के बावजूद फ्लैट पर रहेगा आपका हक, रडार पर 50 ब‍िल्‍डर 

द‍िवाल‍िया होने के बावजूद फ्लैट पर रहेगा आपका हक, रडार पर 50 ब‍िल्‍डर 

Tricity Today | symbolic

Noida | Greater Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लाखों घर खरीदार (Home Buyers) कई सालों से परेशान है। बिल्डरों को पैसा देने के बावजूद उनको अपना हक नहीं मिल रहा है। काई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। शनिवार और रविवार को घर खरीदार रजिस्ट्री को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट में रह रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। इंसॉल्‍वेंसी बैंक करप्‍सी बोर्ड ऑफ इंड‍िया (IBBI) की नई गाइडलाइन से लाखों फ्लैट्स खरीदारों ने राहत की सांस ली है। अब ब‍िल्‍डर के द‍िवाल‍िया होने के बाद भी फ्लैट पर आपका ही हक रहेगा। इससे पहले अम‍िताभ कांत सम‍िति की र‍िपोर्ट में ब‍िल्‍डर प्रोजेक्‍ट को पूरा करने और प्राध‍िकरण के बकाया के कारण रुकी हुई रज‍िस्‍ट्री को शुरू करने के ल‍िए राहत दी गई थी।

दिवालिया प्रक्रिया में प्रोजेक्‍ट
आईबीबीआई (IBBI) की नई गाइडलाइन के बाद ऐसे घर खरीदारों ने राहत की सांस ली है, ज‍िनके ब‍िल्‍डर का प्रोजेक्‍ट द‍िवाल‍िया प्रक्र‍िया में चला गया है। एक आंकड़े के अनुसार ऐसे करीब 50 ब‍िल्‍डर हैं, ज‍िनका प्रोजेक्‍ट दिवालिया प्रक्रिया में चल रहा है। ऐसे में इन प्रोजेक्टों में फंसे बायर्स परेशान है कि अगर संबंधित प्रोजेक्ट से जुड़ी बिल्डर कंपनी दिवालिया घोषित हो जाती है तो उनका क्या होगा। वह जिस फ्लैट में रह रहे हैं, उसकी रजिस्ट्री भी नहीं हुई है। दिवालिया घोषित होने के बाद बिना रजिस्ट्री के फ्लैट में रहने पर उनसे फ्लैट लिया भी जा सकता है।

नई गाइडलाइन जारी
इस डर को खत्म करने के लिए आईबीबीआई की तरफ से नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। जिसके तहत बिल्डर कंपनी के दिवालिया घोषित होने पर भी पजेशन ले चुके संबंधित बायर्स से कोई भी विभाग फ्लैट नहीं छीन पाएगा। अब यह रास्‍ता साफ हो गया है। कुल मिलकर आपका फ्लैट जिस प्रोजेक्ट में है, वो दिवालिया हो गया तो भी आप बिना रजिस्ट्री के कानूनी रूप से उसमें रहने के हकदार हैं। हालांक‍ि ऐसे बायर्स को असली खुशी तब ही म‍िलेगा, जब उन्‍हें फ्लैट का पजेशन म‍िल जाए और रज‍िस्‍ट्री हो जाए।

अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।

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