Tricity Today | बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी, प्रदर्शन की वजह से यातायात प्रभावित रहा
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के सदस्यों ने गुरुवार को भी चिल्ला बॉर्डर पर धरना जारी रखा। गुरुवार को इस संगठन के 11 किसान भूख हड़ताल पर रहे। भाकियू (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पूरी तरह से हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले धरना दे रहे किसानों की सरकार सुध नहीं ले रही है।
योगेश ने कहा, "केंद्र सरकार किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। परंतु किसान झुकने और टूटने वाले नहीं है। केंद्र सरकार को किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा, अन्यथा धरना इसी तरह जारी रहेगा।" इस बीच दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्योराज सिंह ने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि अगर उन्हें कृषि कानून के फायदे समझाने में सफल रहे तो वह अपना धरना समाप्त कर देंगे। सिंह ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, विधायक पंकज सिंह समेत भाजपा के तमाम नेता आगे आंए और कानून पर चर्चा करें।
कड़ाके की ठंड भी किसानों को नहीं डिगा पाई : कड़ाके की ठंड भी किसानों के हौसलों को डगमगा नहीं पा रही है। तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हजारों किसानों का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद गुरुवार को भी जारी रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिल्ली में घना कोहरा छाने से गुरुवार की सुबह कई इलाकों में दृश्यता घटकर 100 मीटर रह गई। इस वजह से यातायात भी प्रभावित रहा। सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से सैंकड़ों कर्मियों को तैनात किया गया है। इन सीमाओं पर करीब एक महीने से हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन की वजह से यातायात भी बाधित हुआ है। इसके चलते पुलिस को यातायात मार्ग में बदलाव करना पड़ा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने गुरुवार को ट्वीट करके यात्रियों को उन मार्गों की जानकारी दी, जो किसानों के प्रदर्शन के कारण बंद हैं। पुलिस ने लोगों को वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ''किसानों के प्रदर्शनों के कारण चिल्ला, गाजीपुर बार्डर, नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आ रहे वाहनों के लिए बंद हैं। लोगों को दिल्ली में प्रवेश के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपड़ा और लोनी बॉर्डर से आने की सलाह दी जाती है।"
पुलिस ने एक अन्य ट्वीट करके सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर के भी बंद होने की सूचना दी। यातायात पुलिस ने कहा, ''कृपया लामपुर, साफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के जरिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें। मुकरबा और जीटीके रोड से यातायात परिवर्तित किया गया है। कृपया आउटर रिंग रोड, जीटेके रोड और एनएच 44 से जाने से बचें।
प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को अपना रुख और कड़ा करते हुए सरकार से कहा कि वह ''निरर्थक संशोधनों का प्रस्ताव फिर से पेश न करे, जिन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है। उन्होंने सरकार से वार्ता पुन: चालू करने के लिए लिखित में'' ठोस प्रस्ताव देने के लिए कहा। किसान नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत में सरकार के लिए अपना जवाब पढ़ते हुए सुनाया। किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार एक ठोस प्रस्ताव भेजे तो वह फिर से बातचीत के लिए राजी हैं। पर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे तीनों कृषि कानूनों को पूर्णत: रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
केंद्र के साथ 9 दिसंबर को प्रस्तावित किसानों की छठे दौर की वार्ता किसानों के केंद्रीय कानूनों को निरस्त करने की मांग से पीछे नहीं हटने के कारण रद्द हो गई थी। इस तरह अब तक किसानों और सरकार के बीच बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।