Tricity Today | इंजेक्शन के लिए मिन्नतें करते परिजन
गौतमबुद्ध नगर में हालात बदतर होते जा रहे हैं। भले ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दावे कुछ और कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत पहले जैसी है। मरीजों के परिजन अब भी बेहाल हैं। मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा। जरूरी दवाइयों के लिए संबंधी सीएमओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। मंगलवार को एक ऐसा ही वाकया सामने आया। कुछ परेशान महिलाएं सीएमओ कार्यालय पहुंची। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी के हाथ-पैर जोड़े। उनसे मिन्नतें कीं। कहा की इंजेक्शन देकर उनके पति की जान बचाएं।
सीएमओ ने सभी को जल्द इंजेक्शन दिलाने का भरोसा दिलाया। चौंकाने वाला एक तथ्य यह भी आया है कि सीएमओ ने एक महिला को धमकी दी है। पीड़ित महिला परिजन ने बताया कि सीएमओ ने दोबारा इंजेक्शन मांगने दफ्तर आने पर पुलिस से गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी है। दरअसल नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित CMO ऑफिस में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सुबह से लोग खड़े थे। पर्ची भी जमा करवा दिया था। लेकिन शाम होते-होते उन्हें निराशा हाथ लगी। सीएमओ कार्यलय ने इंजेक्शन देने से मना कर दिया। पर्ची वापस मिलने के बाद मरीजों के परिजन हताश होके वहीं रोने लगे।
ट्राइसिटी से एक्सक्लूसिव बातचीत में गौतमबुद्ध नगर जिला अस्पताल की CMS रेणु अग्रवाल ने दावा किया कि जिले में रेमडेसिविर की कमी नहीं है। लेकिन सीएमओ कार्यालय पर जुटी भीड़ उनके सभी दावों की पोल खोल रही है। अपनों के रोते चेहरे सिस्टम के खोखलेपन का शिकार हैं। अपनों की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने से परिजन व्याकुल हैं। प्रदेश सरकार भले ही स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रही हो, लेकिन आम जनता का दुख किसी से छिपा नहीं है। लोगों के आंसू उनके दर्द बयां कर रहे हैं। रेमिडिसीवीर इंजेक्शन के लिए तीमारदार CMO दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। सीएमओ साहब बार-बार आने पर पुलिस से गिरफ्तार कराने की धमकी दे रहे हैं। मरीज़ के परिजन रेमिडिसीवीर इंजेक्शन की आस में सेक्टर-39 सीएमओ दफ्तर पहुंचकर उनके परिजनों की सांसे मांग रहे हैं। आलम ये है कि मरीज़ के परिजन डॉक्टर दीपक ओहरी के पैरों में गिर रहे हैं।
शहर के निजी अस्पताल मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन लिख रेमिडिसीवीर इंजेक्शन लाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इंजेक्शन के लिए परेशान कविता बताती हैं कि उनके पति सेक्टर-27 स्थित कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जीवन की जंग लड़ रहे हैं। इंदर गुप्ता कोरोना से जुझ रहे हैं। उनकी उम्र 48 वर्ष है। उनकी पत्नी सीएमओ के पैर पड़ पति के जीवन की भीख मांग रही हैं। अन्य मरीजों के परिजन बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुबह आश्वासन देके चले जाते हैं। लेकिन शाम को इंजेक्शन के लिए मना कर दिया जाता है।