जल्द मिलेगी अपने घर की चाबी, अथॉरिटी और बिल्डरों में बनी सहमति

नोएडा में फ्लैट बायर्स के लिए खुशखबरी : जल्द मिलेगी अपने घर की चाबी, अथॉरिटी और बिल्डरों में बनी सहमति

जल्द मिलेगी अपने घर की चाबी, अथॉरिटी और बिल्डरों में बनी सहमति

Tricity Today | symbolic

Noida News : शहर में होम बायर्स की चली आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए नोएडा अथॉरिटी के अफसरों और बिल्डरों के साथ एक बार फिर बैठक हुई है। इसमें बिल्डरों को बकाये की जानकारी दी गई। शुक्रवार को 9 अन्य बिल्डरों ने भी पैकेज साइन करने पर सहमति जताई है। अब तक कुल 34 बिल्डरों के साथ प्राधिकरण की वार्ता हो चुकी है। बिल्डरों को कई मामले में राहत देने पर भी बैठक में विचार किया गया। हालांकि अभी भी 23 बिल्डरों के साथ वार्ता होना बाकी है। अगर यह 9 बिल्डर पैकेज साइन करने पर राजी हो जाते हैं तो जल्द ही 4 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री संभव है।

करीब चार हजार करोड़ का बकाया
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, अमिताभकांत समिति की सिफ़ारिशों के आधार पर शुक्रवार को 10 बिल्डरों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। इनमें से 9 बिल्डर प्राधिकरण पहुंचे। इन पर करीब चार हजार करोड़ का बकाया है। साथ ही बकाया चुकाकर रजिस्ट्री का काम शुरू करने को कहा गया। बिल्डरों को कई मामले में राहत देने पर भी बैठक में विचार किया गया है। इसके अलावा बिल्डरों की ओर से अपने अधूरे निर्माण के बारे में बताया गया। बिल्डरों के पास कुल 8 हजार यूनिट मंजूर किए गए हैं। इनके निर्माण अधूरे हैं, लेकिन इनमें से करीब 4 हजार फ्लैटो का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस बैठक में आईवीआर, पान रियल्टर्स, गार्डेनिया एम्स, अंतरिक्ष समेत कई बिल्डर शामिल रहे।

बिल्डरों को औसतन 21 प्रतिशत की छूट
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि कोविड काल के दो साल के ब्याज को शून्य कर दिया गया है। बिल्डरों को कुल बकाया में से औसतन 21 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इसके अलावा जिन बिल्डरों को एनजीटी काल की छूट मिल रही है, उनके बकाये में 40 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। कुछ बिल्डरों ने कोविड काल के दौरान भी पैसे जमा कराए हैं, उनके पैसे समायोजित करने पर छूट की राशि बढ़ रही है।

नोएडा के 20 बिल्डरों को छूट
एक आंकड़े के मुताबिक, करीब 20 बिल्डर ऐसे हैं, जिनको कोविड और एनजीटी काल से जुड़ी छूट का लाभ मिल रहा है। वहीं, कुछ बिल्डरों का कहना है कि गणना में तकनीकी पेंच आ रहा है। प्राधिकरण ने सबसे पहले 2020 से 2022 तक के लिए छूट की गणना की है। इसके बाद एनजीटी काल से पहले वर्षों 2013 से 2015 की गणना की है। पहले एनजीटी काल की गणना की जाती तो उनका प्रिंसिपल अमाउंट घट जाता। इसके बाद 2020 से 2022 के दौरान की गणना में राशि कम आती। इस वजह से राशि अब भी उम्मीद से अधिक है।

अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी 
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.