हाईकोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा पूर्व AOA, सभी दस पदों पर चुनाव कराने को नहीं तैयार

नोएडा हाउसिंग सोसाइटी का मामला : हाईकोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा पूर्व AOA, सभी दस पदों पर चुनाव कराने को नहीं तैयार

हाईकोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा पूर्व AOA, सभी दस पदों पर चुनाव कराने को नहीं तैयार

Tricity Today | महागुण मॉडर्न सोसाइटी

Noida News : महागुण मॉडर्न हाउसिंग सोसाइटी की पूर्व अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के आदेशों को एक बार फिर ठेंगा दिखाते हुए 24 सितंबर को  तीन पदों के चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जबकि सोसाइटी के निवासी इसका पूरा विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर सोसाइटी के निवासियों ने शासन एवं प्रशासन से गुहार लगाई है कि हाईकोर्ट और डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेशों को सख्ती से लागू कराते हुए उनके हितों रक्षा करें। गौरतलब है कि महागुण मॉडर्न में 2017 के बाद से कोई आम चुनाव नहीं हुआ है।

सुबह बुलाई GBM, नहीं आया कोई बोर्ड सदस्य
सोसाइटी की इंद्राणी मुखर्जी ने बताया कि पूर्व AOA (Apartment owners Association) द्वारा सोमवार 2 अक्टूबर को, दिन में 11 बजे GBM (General Body Meeting) बुलाई गई थी, लेकिन जब 10.30 बजे सोसाइटी के निवासी वहां डिप्टी रजिस्ट्रार, मेरठ के आदेश पालन कराने का एजेंडा लेकर वहां पहुंचे, तो उन्हें गार्ड्स ने बताया बैठक हो चुकी है। लगभग सवा सौ निवासी फिर भी 12 बजे तक कल्ब हाउस में प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन AOA बोर्ड का कोई सदस्य नहीं आया।
3 पदों के चुनाव का नोटिफिकेशन
बता दें महागुण मॉडर्न की पूर्व AOA ने सितंबर महीने 3 पदों के चुनाव का ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया। MMAOA (Mahagun Moderne Apartment owners Association) के इस नोटिफिकेशन के खिलाफ कुछ निवासी डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय मेरठ पहुंच गए थे। जिस पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने पत्र जारी कर 10 पदों के लिए चुनाव का आदेश जारी कर दिया था। किन्तु MMAOA इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है।

विंडसर पार्क केस में हाईकोर्ट के आदेश
हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश आया था विंडसर पार्क के केस नंबर 12380/2020 द्वारा जिसमें मॉडल बाई लॉ को स्पष्ट करते हुए कहा गया था कि AOA बोर्ड का चुनाव प्रतिवर्ष सभी सदस्यों का होना है और कुछ लोग जो 3 पदों पर चुनाव करवा रहे हैं वह पूरी तरह से अवैध है।
पहले दिया आदेश, फिर लगाई रोक
इससे पहले भी डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय मेरठ ने 30 सितंबर 2020 में 10 पदों के चुनाव का आदेश दिया था। और 9 दिनों बाद खुद ही अपने आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके खिलाफ यहां के निवासी हाईकोर्ट पहुंच गए। इस केस में भी हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश (दिनांक 13/01/2021) में स्पष्ट कर दिया कि चुनाव प्रतिवर्ष 10 पदों पर ही होने है। आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए MMAOA ने बिना किसी चुनाव प्रक्रिया के साल 2021 एवं 2022 में 3 पदों पर अपने समर्थकों को लेता रहा है।

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