नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी की सपा नेताओं से है करीबी, 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक

रविंद्र यादव पर विजिलेंस का शिकंजा : नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी की सपा नेताओं से है करीबी, 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक

नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी की सपा नेताओं से है करीबी, 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक

Google Image | Symbolic Image

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र सिंह यादव के नोएडा और इटावा स्थित आवास पर रविवार को विजिलेंस की टीम ने छापा मारा है। छापेमारी में 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता चला है। बताया जा रहा है कि ओएसडी रविंद्र यादव की सपा नेताओं से काफी करीबी रही है। यहीं नहीं, सपा सरकार में रविंद्र यादव की तूती बोलती थी। लेकिन योगी सरकार के आने के बाद इनके उल्टे दिन शुरू हो गए। फरवरी 2023 में इन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में सस्पेंड किया गया था। यह कार्रवाई योगी सरकार में औद्योगिक मंत्री नंदगोपाल नंदी ने की थी। 

मेरठ विजिलेंस टीम खंगाल रही दस्तावेज 
सूत्रों से पता चला है कि ओएसडी रविंद्र यादव सस्पेंड होने के बाद से सरकार की नजर में थे। रविवार को सरकार के आदेश के बाद मेरठ से निकली विजिलेंस की करीब चार से पांच टीमों ने ओएसडी रविंद्र यादव के नोएडा और इटावा स्थित आवास पर एक साथ छाप मारा। बताया जा रहा है कि ओएसडी को घटना की भनक तक नहीं लग पाई। एकाएक छापा पड़ने से रविंद्र यादव के परिवार में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। रविंद्र सिंह यादव के नोएडा सेक्टर-47 स्थित तीन मंजिला मकान की मौजूदा कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। उनके बेटे के नाम करीब 15 करोड़ रुपये का स्कूल है। इसके अलावा विजिलेंस जांच में काफी संपत्ति मिली है। बेटे के नाम पर इटावा में करोड़ों का स्कूल है। मकान से ही अरस्तू वर्ल्ड स्कूल मलाजनी, तहसील जसवंतनगर, इटावा के पंजीकरण के कागजात मिले। तलाशी में पता चला कि स्कूल की जमीन और भवन की मौजूदा कीमत करीब 15 करोड़ रुपये है। स्कूल सोसायटी का अध्यक्ष आरोपी का बेटा निखिल यादव है। स्कूल पूरी तरह वातानुकूलित है। इसमें स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई हो रही है। स्कूल में लगे सभी उपकरण और फर्नीचर की अनुमानित कीमत दो करोड़ रुपये है। 10 स्कूल बसों की अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है। 

औद्योगिक मंत्री के इशारे पर छापा 
चर्चा है कि औद्योगिक मंत्री नंदगोपाल नंदी के इशारे पर प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र यादव पर यह कार्रवाई की जा रही है। मंत्री के इशारे में विजिलेंस और दूसरे डिपार्टमेंट धीरे-धीरे रविंद्र यादव की संपत्ति खंगाल रहे थे। सूत्रों से पता चला है कि लखनऊ के अलावा यूपी और दूसरे राज्यों के शहरों में भी रविंद्र यादव की संपत्ति का पता चला है। इसके अलावा उत्तराखंड में भी रविंद्र यादव द्वारा संपत्ति खरीदी गई है। इन सभी के दस्तावेज नोएडा या इटावा स्थित आवास पर होने की बात बताई जा रही है। फिलहाल विजिलेंस की टीम ने दस्तावेजों को खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि रविंद्र सिंह यादव के घर से 60 लाख से अधिक के जेवरात बरामद हुए हैं। इसके अलावा उनके घर से 2.5 लाख की नकदी भी बरामद हुई है। उनके सभी बैंक खातों की भी तलाशी ली जा रही है। हालांकि, और क्या बरामद हुआ है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

सीबीआई ने 2007 में की थी जांच
आरोपी रविंद्र यादव ने वर्ष 2007 में नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्यपालक अधिकारी के पद पर रहते हुए नियमों के विरुद्ध एक निजी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी आईसीएमआर को 9712 वर्ग मीटर का सरकारी भूखंड आवंटित किया था। उस समय जांच सीबीआई ने की थी। फिलहाल विजिलेंस टीम जांच कर रही है। तलाशी में अब तक मिले अभिलेखों और साक्ष्यों को जांच में शामिल किया जा रहा है।

कौन हैं रविंद्र यादव
रविंद्र यादव नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी हैं। फिलहाल वे 13 फरवरी 2023 से निलंबित हैं। लखनऊ के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी रविंद्र सिंह यादव को निलंबित कर दिया था। मंत्री ने ओएसडी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए थे। जांच में पता चला कि रवींद्र की 2005 से 2018 तक 94 लाख की आय हुई जबकि उन्होंने 2 करोड़ 44 लाख से अधिक खर्च किए।

अन्य खबरे

Please Wait...!
Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.