12 वर्षों का काम चंद महीनों में किया, आपके नोएडा को बनाया नंबर-1

रितु माहेश्वरी के 4 साल बेमिसाल : 12 वर्षों का काम चंद महीनों में किया, आपके नोएडा को बनाया नंबर-1

12 वर्षों का काम चंद महीनों में किया, आपके नोएडा को बनाया नंबर-1

Tricity Today | रितु माहेश्वरी

Noida News : अपने काम से नोएडा की सूरत बदलने वाली 2003 बैच की आईएएस अफसर रितु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) का ट्रांसफर हो गया है। उनको आगरा मंडल का कमिश्नर बनाया गया है, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके कार्यकाल में नोएडा की सूरत बदली है। रितु माहेश्वरी ने 12 जुलाई 2019 को नोएडा का कार्यभार संभाला था। तब से अब तक उन्होंने हजारों करोड़ रुपए की परियोजना को गति दी हैं। उनके कार्यकाल के दौरान हजारों करोड़ रुपए की सौगात जमीन पर उतरीं और हजारों करोड़ रुपए की सौगात विकासशील हैं। अगर आप रात के समय नोएडा की किसी सड़क पर सफर करोगे तो आपको एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। चारों तरह आकर्षित लाइट्स से नोएडा को एक शानदार शहर की पहचान दिलवाई है। आज नोएडा शहर उत्तर प्रदेश और देश में कई मामलों में नंबर-1 है।

4 वर्षों के दौरान रितु माहेश्वरी ने किए बड़े काम
रितु माहेश्वरी ने सरकारी सेवा की शुरुआत लखनऊ के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में की थी। रितु माहेश्वरी नोएडा अथॉरिटी के सीईओ के अलावा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की अतिरिक्त सीईओ और नोएडा मेट्रो की एमडी के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रही रितु माहेश्वरी का 4 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वह गाजियाबाद में कार्यरत रहते पदोन्नत हुई थीं और 12 जुलाई 2019 को उन्होंने नोएडा में कार्यभार संभाला था। पिछले 4 वर्षों के दौरान रितु ने शहर के लिए कई बड़े काम किए हैं। इनमें फरवरी 2023 में 'यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' के दौरान नोएडा में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए थे। जिनमें से 45,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं। स्वच्छता और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए माहेश्वरी का काम बेजोड़ है। इस दौरान उन्हें कई बड़ी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी हैं। नोएडा प्राधिकरण ने वित्त वर्ष 2023 में लगभग 7,000 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है। पिछले दिनों आपके पसंदीदा न्यूज़ वेबपोर्टल "Tricity Today" ने रितु माहेश्वरी से खास बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान हुई नोएडा की उपलब्धियां बताईं।

'अगले 6 महीनों में 55,000 करोड़ रुपए का निवेश होंगे'
करीब 44 वर्षीय ऋतु महेश्वरी 2003 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। ऋतु मूल रूप से पंजाब की रहने वाली हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की पढ़ाई की थी।  रितु माहेश्वरी ने "Tricity Today" से कहा, "यूपी जीआईएस के जरिए मिले प्रस्तावों में से अभी 55,000 करोड़ रुपए का निवेश बाकी है। उन निवेश प्रस्तावों को अगले 6-7 महीनों में जमीन पर उतार दिया जाएगा। प्रस्तावित निवेश का लगभग 45 प्रतिशत छह महीने की छोटी अवधि में पूरा हो गया है। परियोजना मानचित्र स्वीकृत हो चुके हैं और कई परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। साल के अंत तक हमारा लक्ष्य बाकी काम पूरा करने का है।"

'जल्दी बड़े अवसर लेकर आ रहा है न्यू नोएडा'
रितु माहेश्वरी ने सबसे पहले वर्ष 2005 में लखनऊ के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनाती मिली। वह अभी तक पीलीभीत, संभल, शाहजहांपुर और गाजियाबाद आदि जनपदों में डीएम के पद पर कार्य कर चुकी हैं। रितु माहेश्वरी आगे कहती हैं, "हमें और ज्यादा नई परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित करने की आवश्यकता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्यमी शहर में आ सकें और अपना काम शुरू कर सकें। भूमि की उपलब्धतता थोड़ी चुनौती है, लेकिन हम न्यू नोएडा तक अपनी पहुंच बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। हम न्यू नोएडा को विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। वह एक आकर्षक स्थान होगा। हम अभी मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे रहे हैं। मुझे लगता है कि एक साल के भीतर वहां भी जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाना चाहिए। निकट भविष्य में यह एक बड़ा अवसर उपलब्ध होने वाला है।'' उन्होंने कहा कि नोएडा में वाणिज्यिक, संस्थागत और औद्योगिक उपयोग के लिए अब सीमित और छोटे भूखंड हैं। आने वाले वर्षों में बड़े भूखंड न्यू नोएडा में उपलब्ध होंगे।"

दोनों शहरों ने रिकॉर्ड रेवेन्यू हासिल किया
रितु माहेश्वरी का जन्म 14 जुलाई 1978 को पंजाब में हुआ था। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने से पहले उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। रितु माहेश्वरी ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम किया था। वह आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। रितु माहेश्वरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 प्राधिकरण के लिए एक भरपूर वर्ष रहा, क्योंकि नियमित रूप से आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और संस्थागत योजनाएं लॉन्च की गईं। भूमि की बिक्री और संपत्तियों के पंजीकरण आदि से अच्छा राजस्व अर्जित किया। उन्होंने कहा, "ग्रेटर नोएडा में छह साल और नोएडा में लगभग 12 साल के बाद हमने इतना राजस्व हासिल किया। हमने 2023 में अब तक का सबसे अधिक रेवेन्यू 8,000 करोड़ रुपए एकत्र किया था।'' माहेश्वरी ने कहा कि अग्रिम एकमुश्त भुगतान योजना में अच्छा रुझान दिख रहा है क्योंकि इस नई व्यवस्था के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सात ग्रुप हाउसिंग प्लॉट बेचे गए हैं। रितु माहेश्वरी के पास 11 जुलाई तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ का अतिरिक्त प्रभार था। वह करीब नौ महीने ग्रेटर नोएडा में पोस्ट रही हैं। उन्होंने कहा कि कई प्रतिष्ठित बिल्डर अब ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के लिए आवेदन कर रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में गोदरेज को दो प्लॉट आवंटित किए गए। मैक्स ग्रुप और गौर संस आदि जैसी बड़ी कंपनियों ने नोएडा के सेक्टर-43 में ग्रुप हाउसिंग प्लॉट के लिए आवेदन किए हैं।"

डूब चुके 40 हजार करोड़ रुपए बचाए
रितु माहेश्वरी उत्तर प्रदेश के अमरोहा, गाजीपुर, पीलीभीत और शाहजहांपुर की डीएम रह चुकी हैं। उन्होंने कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया था। रितु माहेश्वरी ने बिल्डरों को कानूनी लड़ाई में करारी शिकस्त दी और दोनों शहरों के 40 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं। यह उनकी सबसे कामयाबी मानी जाएगी। रियल एस्टेट डेवलपर्स पर नोएडा प्राधिकरण का लगभग 26,000 करोड़ रुपये और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का लगभग 14,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। माहेश्वरी ने ब्याज भुगतान को जायज मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। कोर्ट ने दोनों अथॉरिटी के पक्ष में फैसला सुनाया। जबकि पहले कोर्ट अथॉरिटी के खिलाफ फैसला दे चुकी थी। इस पर वह कहती हैं, "प्राधिकरण स्तर पर जो कुछ भी करने योग्य था, हमने किया है। हमने पुनर्निर्धारण योजना शुरू की और समय विस्तार शुल्क को तर्कसंगत बनाया है। कुछ बकाएदारों ने इन योजनाओं के तहत अपना बकाया जमा कर दिया है। अगर कोई रिलीफ पैकेज होगा तो शायद सरकार इस पर गौर करेगी।'' माहेश्वरी ने कहा कि नोएडा शहर की 110 परियोजनाओं में लगभग 40,000 फ्लैट की रजिस्ट्री लंबित हैं। घर खरीदारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राधिकरण ने फ्लैट-वार पंजीकरण जैसी पहल की हैं।

बिल्डरों के अवैध निर्माण पर लगाम लगाई

रितु माहेश्वरी के पति भी IAS अधिकारी हैं। उनका नाम मयूर माहेश्वरी है। वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी भी हैं। रितु माहेश्वरी सीएम योगी आदित्यनाथ के महत्वपूर्ण अफसरों में से एक हैं। विद्युत विभाग के साथ उनके पिछले कार्यकाल के दौरान बिजली चोरी की जांच करने के उनके शानदार तरीकों की व्यापक रूप से सराहना की गई। बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए रितु माहेश्वरी ने ऊर्जा मित्र नामक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया था। रितु महेश्वरी ने नोएडा के बिल्डरों को जवाबदेह बनाया है। मनमानी पर रोक लगाई है। प्राधिकरण का पैसा नहीं देने पर वेव समूह जैसी कंपनी के भूखंड आवंटन रद्द कर दिए। सुपरटेक ट्विन टॉवर का ध्वस्तीकरण करवाया गया। अथॉरिटी से पास नक्शों को दरकिनार करके अवैध रूप से बनाए गए फ्लैट्स को ध्वस्त करवाया है। रितु महेश्वरी कहती हैं, "किसी को नियम तोड़ने का हक नहीं है। अब प्राधिकरण अपने बायलॉज का पालन करवा रही हैं।

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