Noida News : गौतमबुद्ध नगर के जिला अस्पताल (District Hospital) से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने जिला अस्पताल में तैनात डॉ. राजेंद्र कुमार को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार को उन्हें वरिष्ठता के आधार पर सीएमएस के पद पर बहाल करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह आदेश याचिकाकर्ता डॉ. राजेंद्र कुमार ने सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल की नियुक्ति को नियमों के खिलाफ बताते हुए याचिका दाखिल की थी। उस पर सुनवाई के बाद लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति मनीष कुमार की अदालत ने फैसला सुनाया है। इस आदेश के बाद जिला अस्पताल की सीएमएस को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि फरवरी में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पवन कुमार के स्थानांतरण के बाद अस्पताल के ही वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेंद्र कुमार को कार्यवाहक सीएमएस बनाया गया था। जून में उनके स्थान पर शासन ने नए सीएमएस को पदभार दिया। लखनऊ बेंच ने शासन के जून में दिए गए उस आदेश को नियमसंगत नहीं माना। इसे उत्तर प्रदेश सरकार की पॉलिसी के खिलाफ बताया। कोर्ट ने वरिष्ठ डॉक्टर को हटाकर उनसे जूनियर डॉक्टर को अधिकार देना प्रदेश सरकार के नियमानुसार गलत है। दूसरी ओर, वरिष्ठता सूची में याचिकाकर्ता डॉ. राजेंद्र कुमार का क्रमांक 8810 है, जबकि डॉ. रेणु अग्रवाल का क्रमांक 8934, यानी याचिकाकर्ता से जूनियर हैं। ऐसे में यह राज्य सरकार की पोस्टिंग और ट्रांसफर नीति का उल्लंघन है। बेंच ने नए सीएमएस के आदेश को निरस्त करते हुए डॉ. राजेंद्र कुमार को सीएमएस के पद पर बहाल करने के आदेश दिए हैं।
क्या है नियम
राज्य सरकार की नीति 14 जून 2011 में प्रावधान है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती एक वरिष्ठ व्यक्ति को दिया जाएगा। किसी कनिष्ठ को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात नहीं किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (महिला), जिला क्षय रोग अधिकारी, यदि कोई व्यक्ति तैनात हो अथवा उक्त अस्पताल में उनके वरिष्ठ कार्यरत हैं।