Noida : नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जून महीने में पर्थला फ्लाईओवर को आमजन के लिए खोलने को लेकर नोएडा अथॉरिटी काम कर रही है। पर्थला फ्लाईओवर का काम अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सिग्नेचर ब्रिज पुल से जुड़ा काम पूरा किए जाने की आखिरी तारीख 31 मई है। अगले एक हफ्ते में पर्थला फ्लाईओवर का काम पूरा होने की उम्मीद है। आपको बता दें पर्थला गोल चक्कर पर नोएडा प्राधिकरण पहला केबल सस्पेंशन फ्लाईओवर बना रहा है। यह शहर का पहला सिग्नेचर ब्रिज होगा। जो केबल सस्पेंशन पर टीका होगा। इस ब्रिज के बन जाने के बाद वाहन चालकों के सफर के समय में 30 से 45 मिनट की बचत होगी।
एक हफ्ते के अंदर काम पूरा
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक, पर्थला चौक पर सर्विस रोड का काम पूरा हो चुका है। अब धीरे-धीरे बचे हुए काम निपटाए जा रहे हैं। फ्लाईओवर का काम करीब-करीब समाप्त हो चुका है। ऐसे में नीचे के गोलचक्कर का काम शुरू किया गया। इसे भी फ्लाईओवर के काम के साथ-साथ 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तैयार होते ही एफएनजी समेत ग्रेनो वेस्ट की ओर से किए गए डायवर्जन को समाप्त कर दिया जाएगा।
सीईओ ने इंजीनियरिंग विभाग को दिए निर्देश
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर चालू होने से सेक्टर-71 और ग्रेनो वेस्ट की तरफ ट्रैफिक तेजी से उतरेगा और चढ़ेगा। फ्लाईओवर पर चढ़ने वाली और उतरने वाली सड़कों की कनेक्टिविटी और डिजाइन सही रहे, यह हिस्सा भी प्लानिंग में शामिल किया जाएगा। फ्लाईओवर के नीचे के रास्तों का डिजाइन और घुमाव की अलग रिपोर्ट बनेगी। इस प्लानिंग के लिए प्राधिकरण सीईओ रितु माहेश्वरी ने इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिए हैं।
ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू
वहीं दूसरी तरफ कई महीनों से नोएडा में पर्थला गोलचक्कर पर निर्माणाधीन सिग्नेचर ब्रिज तेजी लाने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू कर रखा है। ये प्लान निर्माण कार्य पूरा होने तक जारी रहेगा। इसके तहत सेक्टर-71 से पर्थला गोलचक्कर होकर किसान चौक की ओर जाने वाला यातायात का डायवर्जन है। इस प्रोजेक्ट से करीब दो लाख से अधिक वाहन रोजाना प्रभावित होते हैं। इसके बन जाने के बाद गाजियाबाद, हापुड-मेरठ और नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के वाहन बिना रुके कालिंदी कुंज और डीएनडी की ओर सीधे आ जा सकते है। इस ब्रिज के बनने के बाद किसान चौक पर जाम की स्थिति से निपटना यातायात विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी।