डिफॉल्टर बिल्डरों से मुक्ति का रास्ता साफ, बिना भुगतान रजिस्ट्री होंगी

नोएडा के फ्लैट बायर्स के लिए खुशखबरी : डिफॉल्टर बिल्डरों से मुक्ति का रास्ता साफ, बिना भुगतान रजिस्ट्री होंगी

डिफॉल्टर बिल्डरों से मुक्ति का रास्ता साफ, बिना भुगतान रजिस्ट्री होंगी

Google Image | Symbolic

Noida News : गौतमबुद्ध नगर के लाखों फ़्लैट खरीदारों के लिए बड़ी ख़बर है। डिफॉल्टर बिल्डरों से मुक्ति का रास्ता साफ़ हो गया है। जिन बिल्डरों को कम्पलीशन सर्टिफ़िकेट नहीं मिले हैं और उन्होंने फ़्लैट खरीदारों को क़ब्ज़ा दे दिया है। ऐसे फ़्लैट्स की रजिस्ट्री जल्द ही शुरू हो सकती हैं। दरअसल, केंद्र सरकार के आदेश पर गठित की गई अमिताभ कांत समिति ने अपनी सिफ़ारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी हैं। जिसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि बिल्डरों पर बकाया का असर फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री पर नहीं होगा। मतलब, भले ही बिल्डर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी का पैसा ना चुकाएं, फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं रुकेंगी।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दायरे में लंबित पड़ी आवासीय परियोजनाओं में क़रीब 1.67 लाख फ़्लैट ख़रीदार रजिस्ट्री का इंतज़ार कर रहे हैं। इन तमाम परिवारों की समस्या का समाधान अमिताभ कांत समिति की सिफ़ारिशों ने निकाल दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक़ 12 अगस्त को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक होगी और नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक 13 अगस्त को होगी। इन दोनों बोर्ड बैठकों में अमिताभ कांत समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। अगर प्राधिकरण के बोर्ड इन सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लेते हैं तो 1,67,000 फ़्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ़ हो जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक़ राज्य सरकार चाहती है कि प्राधिकरणों के बोर्ड इन सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लें। लिहाज़ा, यह तय माना जा रहा है कि सिफ़ारिशें लागू की जाएंगी।

यह हैं अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें
1. जीरो पीरियड मिलेगा। यह कोविड-19 के पूरे समय और एनजीटी के स्थागनादेश 2015 से 2017 की अवधि में दिया जाएगा। यह लाभ सभी बिल्डरों को मिलेगा।
2. बिल्डरों पर बकाया की गणना जून 2020 के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एमसीएलआर से की जाएगी।
3. कॉडेवलपर बिल्डर खुद लेकर आ सकता है। इसके लिए किसी विकास प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
4. अगर डिफ़ॉल्टर बिल्डर पैसा नहीं दे पा रहे हैं तो पार्शियल लैंड सरेंडर कर सकते हैं। उस जमीन को बेचकर अथॉरिटी पैसा वसूल कर सकती है।
5. दस साल तक के डिफ़ॉल्टर बिल्डरों को सिफारिशों का लाभ दिया जा सकेगा।
6. प्राधिकरण बिल्डरों पर बकाया बता रहे हैं, उसका स्वतंत्र थर्ड पार्टी से सत्यापन करवाया जाएगा।
7. बिल्डरों पर बकाया का रजिस्ट्री से कोई सरोकार नहीं है। बन चुके फ़्लैट्स पर कब्जा देने के लिए और कब्जा ले चुके खरीदारों के नाम रजिस्ट्री होंगी। इसके लिए कंप्लिशन सर्टिफिकेट और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट यूपी रेरा जारी करेगा।
8. बिल्डर किसी होम बायर से पेनल्टी, अतिरिक्त कीमत या ब्याज नहीं वसूल करेंगे।
9. किसी बिल्डर की लीज डीड रद्द नहीं होंगी। डेवलपमेंट अथॉरिटी यह कदम नहीं उठायेंगी।
10. मॉर्गेज सर्टिफिकेट के लिए बिल्डरों कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यानि मौजूदा जमीन पर बिल्डरों को बैंक या किसी प्राइवेट फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से कर्ज लेने की आजादी मिलेगी।
11. प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए बिल्डरों को तीन साल मिलेंगे। बकाया भुगतान में बड़ी राहत दी हैं। इन सिफारिशों का लाभ लेने के 60 दिन बाद बिल्डर 25 प्रतिशत पैसा जमा करेगा। बाकी 75 प्रतिशत पैसा अगले तीन साल में देगा।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.