राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने नोएडा आए बिहार के गवर्नर, कैलाश अस्पताल में है एडमिट

BIG BREAKING : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने नोएडा आए बिहार के गवर्नर, कैलाश अस्पताल में है एडमिट

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने नोएडा आए बिहार के गवर्नर, कैलाश अस्पताल में है एडमिट

Tricity Today | राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने नोएडा आए बिहार के गवर्नर

Noida News : नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में देश के दिग्गज लोगों का आवागमन जारी है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने के लिए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल पहुंचे हैं। इससे पहले काफी नेता और दिग्गज लोग शिव प्रताप शुक्ला का हाल जानने के लिए कैलाश हॉस्पिटल पहुंच चुके हैं। करीब 2 दिनों पहले उनको कैलाश अस्पताल में एडमिट करवाया गया था।

सीने में हुआ था दर्द
रविवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने अपनी धर्म पत्नी जानकी शुक्ला के साथ दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इसके कुछ देर बाद उनके सीने में दर्द उठा और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक उनकी हालत अभी स्थिर है। जांच की जा रही है। उनको ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

दिल्ली के दौरे पर थे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला
अस्पताल के प्रवक्ता वीबी जोशी ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल को सीने में दर्द की शिकायत के बाद रविवार को आधी रात के आसपास कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह फिलहाल अस्पताल में हैं और उनकी जांच और इलाज हो रहा है। उनकी हालत अब स्थिर है।’’ आपको बता दें कि वह शनिवार से दिल्ली के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य लोगों से शिष्टाचार भेंट की थी।

शिव प्रताप शुक्ला भाजपा के पुराने नेता
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले हैं। शिव प्रताप शुक्ला हिमाचल प्रदेश के 29वें राज्यपाल हैं। शुक्ला ने अपना सियासी सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू किया था। मोदी कार्यकाल में तीन बार केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। शुक्ला गोरखपुर से 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार चार बार विधायक रहे। देश में लगे आपातकाल के दौरान उन्हें 26 जून 1975 को जेल भी जाना पड़ा था। वह 18 महीने बाद साल 1977 में जेल से छूटे थे। साल 2002 में विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने भाजपा के लिए संगठन का काम करना शुरू किया।

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