Noida News : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) में करीब एक महीने से बदलाव की सुगबुगाहट चल रही है। लखनऊ और मेरठ से रिस-रिस कर आ रही जानकारियों से पता चल रहा है कि जल्दी ही कुछ जिलाध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले जाएंगे। प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव होंगे। सबसे ज्यादा हलचल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। खासतौर से मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव का परिणाम आने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। गोलबंदी और मोर्चाबंदी करने के लिए जाति-बिरादरी से जुड़े समीकरण राजनीतिक गलियारों में उछाले जा रहे हैं। अब इसी सिलसिले में गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष विजय भाटी का नाम पश्चिम क्षेत्र के भावी अध्यक्ष के रूप में बड़ी तेजी से चल रहा है। जानकारी मिली है कि उन्होंने ना केवल लखनऊ बल्कि दिल्ली तक बिसात पर अपने मोहरे फिट कर दिए हैं।
खतौली उपचुनाव के परिणाम की आड़ में गुर्जरों को नाराज बताया
पिछले दिनों मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ। जिसमें भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया जीत गए। इस परिणाम की आड़ में जोर-शोर से चर्चाएं चलाई गईं कि गुर्जर समाज भारतीय जनता पार्टी से बेहद नाराज है। इसके पीछे जाट समुदाय का तुष्टीकरण है। अब सवाल यह उठता है कि अगर गुर्जर समाज के वोटर जाट समुदाय के तुष्टीकरण से नाराज हैं तो राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार को वोट क्यों देते? क्योंकि रालोद को तो जाट समुदाय की ही पार्टी माना जाता है। वास्तविक तथ्य यह है कि खतौली का मतदाता भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चयन से खफा था। जिसके चलते भाजपा को वहां हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी में ही कुछ नेता जानबूझकर गुर्जरों को नाराज बता रहे हैं। जिससे वेस्ट यूपी भाजपा के अध्यक्ष पद पर दावा ठोक सकें। यह हो-हल्ला मचाने वालों में ना केवल गुर्जर बिरादरी के नेता हैं बल्कि कई जाट नेता भी शामिल हैं।
राजनीति की जड़ में अमरोहा लोकसभा सीट का टिकट
इस पूरी राजनीति का दूसरा आयाम लोकसभा चुनाव है। जिसमें अमरोहा लोकसभा सीट के टिकट पर दावेदारी है। दरअसल, गौतमबुद्ध नगर के एक नेता अमरोहा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के खास हैं और गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष विजय भाटी उनके बेहद करीबी हैं। वह चाहते हैं कि अगर विजय भाटी को क्षेत्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए तो दोहरे फायदे हो जाएंगे। पहला, अमरोहा लोकसभा सीट पर टिकट के लिए दावेदारी कंवर सिंह तंवर करेंगे। कंवर सिंह तंवर 2014 से 2019 तक अमरोहा के सांसद रह चुके हैं। वह 2019 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के कुंवर दानिश अली से हारे हैं। कंवर सिंह तंवर गुर्जर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में अगर उनका टिकट काटकर किसी गैर गुर्जर को दिया जाता है तो परेशानी का सबब बन सकता है। लिहाजा, अगर कंवर सिंह तंवर का टिकट कटने से पहले किसी गुर्जर को वेस्ट यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। दूसरा निशाना यह है कि गौतमबुद्ध नगर के इस नेता को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सार्वजनिक मंच से अपना पसंदीदा घोषित कर चुके हैं। अब अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष भी पॉकेटमैन बन जाएगा तो लोकसभा टिकट हासिल करने के लिए और जरूरी ठप्पा जेब में आ जाएगा। क्योंकि लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी के लिए क्षेत्रीय अध्यक्ष की सिफारिश भी जरूरी होती है।
जो विजय भाटी कर सकते हैं, वह दूसरा गुर्जर नेता नहीं करेगा
इस पूरे समीकरण को लेकर आजकल भारतीय जनता पार्टी में चर्चाएं बेहद गर्म हैं। मुरादाबाद से लेकर गौतमबुद्ध नगर तक विजय भाटी का नाम जोर-शोर से चल रहा है। गुर्जर बिरादरी से ही ताल्लुक रखने वाले एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, "गुर्जर समाज भारतीय जनता पार्टी से नाराज है। यह अभियान विधानसभा चुनाव से पहले भी चलाया गया था। तब सम्राट मिहिर भोज के नाम पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की गई, लेकिन परिणाम सबने देखे हैं। गुर्जर समाज ने लामबंद होकर भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट किया। दरअसल, अब युवा गुर्जर पढ़े-लिखे और समझदार हैं। उन्हें पता है कि वोट किस पार्टी को और किस एजेंडे पर देना है। वोटर किसी गुर्जर नेता को क्षेत्रीय अध्यक्ष या जिला अध्यक्ष बनाने से संतुष्ट नहीं होता है। यह केवल निजी लाभ हासिल करने के लिए नेताओं के एजेंडे हैं।"
उन्होंने कहा, "अब खतौली विधानसभा सीट का परिणाम आने के बाद जानबूझकर गुर्जर समाज को नाराज बताया जा रहा है। ताकि किसी मनपसंद गुर्जर नेता की वेस्ट यूपी अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी की जा सके। ऐसा हल्ला मचाने वालों में गुर्जर नेता ही शामिल नहीं हैं, बल्कि जाट समुदाय के नेता भी शामिल हैं, जो मोहित बेनीवाल को इस पद से हटाना चाहते हैं।" वे आगे कहते हैं, "आखिर विजय भाटी ही सबसे अच्छे विकल्प क्यों हैं? दरअसल, गौतमबुद्ध नगर में विजय भाटी को 'रबर स्टैम्प' के तौर पर देखा जाता है। अब अमरोहा लोकसभा सीट का टिकट अपने चहेते को दिलवाने के लिए वेस्ट यूपी अध्यक्ष के रूप में विजय भाटी से बढ़िया रबर स्टैम्प कोई दूसरी नहीं मिलेगी। जो विजय भाटी कर सकते हैं, वह कोई दूसरा गुर्जर नेता नहीं कर सकता है। नवाब सिंह नागर, सोमेंद्र तोमर या सुरेंद्र सिंह नागर जैसे नेता तो बतौर रबर स्टैंप काम नहीं कर पाएंगे। इसलिए विजय भाटी पश्चिम क्षेत्र अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार बन गए हैं।"