Noida News : उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर सबसे ज्यादा सुरक्षित जिलों में से एक है। हाईटेक शहर नोएडा में 20 लाख से ऊपर लोग रहते हैं। वहीं, विकास कार्यों के साथ-साथ कई उपलब्धियां इस जिले के नाम पर हैं। महिलाओं की बात की जाए तो करीब 9 लाख से ऊपर महिलाएं जिले में हैं। महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं सरकार चला रही है। गौतमबुद्ध नगर में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं? इसका अंदाजा आकड़ों को जानकर खुद लगा लीजिए। इस साल के तीन महीनों की बात की जाए तो रेप के 56 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अभी 9 महीने बाकी हैं।
2022 में क्या रहा
गौतमबुद्ध नगर में रेप के आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले वर्ष करीब 229 मामले विभिन्न थानों में पंजीकृत हुए हैं। सबसे ज्यादा मामले नोएडा के सेक्टर-39 थाने में दर्ज किए गए हैं। सेक्टर-39 थाने में 25 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वहीं, बिसरख और सूरजपुर में 16-16 मुकदमे पंजीकृत हैं। फेस-3 थाने में 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। फेस-2, सेक्टर-63 और दनकौर में 12-12 मुकदमे दर्ज हुए हैं। महिला थाने में भी 13 शिकायतें पहुंची हैं। अच्छी बात यह है कि ईकोटेक-1 और सेक्टर-126 थाने में का एक भी मुकदमा दर्ज नहीं है।
2023 में क्या हैं आंकड़े
वहीं, अगर साल 2023 की बात की जाए तो तीन महीनों में 56 मामले दर्ज हो चुके हैं। अभी भी 9 महीने बाकी हैं। बढ़ते मामले एक चिंता का विषय हैं। दर्ज मामलों में सबसे अधिक 7 एफआईआर ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-2 थानाक्षेत्र से हैं। दनकौर से 5 तो कासना, फेस-1 और सूरजपुर से 4-4 मामले सामने आए हैं।
तीन थाने, जहां कोई घटना नहीं
इस साल कुछ ऐसे थाने भी हैं, जहां पर अब तक रेप का एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। इनमें बिसरख, इकोटेक-1 और सेक्टर-126 थाना शामिल है। इन आंकड़ों में डेट रेप, सामुहिक रेप, वैवाहिक बलात्कार, बच्चों का बलात्कार, जेल बलात्कार, सीरियल रेप, पे-बैक रेप, धोखे से किया रेप, हिरासत में बलात्कार और डिजिटल रेप शामिल किया गया है।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
ग्रेटर नोएडा में महिला अधिकारों के लिए काम करने वालीं रूपा गुप्ता कहती हैं, "यह दर्ज मामले हैं। इनके अलावा कई रेप की घटनाएं होती रहती हैं पर पीड़िता और परिजन समाज में बदनामी के डर से थाने में शिकायत देने से कतराते हैं। ऐसी घटनाएं कुत्सित मानसिकता का प्रतीक हैं। पीड़ित जीवन भर उस बुरे अनुभव के साथ जीवन जीती हैं।"