Noida : जुबान का पीला पड़ना, नाखून सफेद होना, सांस फूलना, थकान सिरदर्द या फिर डिप्रेस्ड फील करना शरीर में आयरन की कमी होने के संकेत हैं। शरीर में आयरन की कमी होने पर हीमोग्लोबिन कम होने लगता है, जिसकी वजह से कई गंभीर स्वास्थ्य परेशानियां पैदा होती हैं, जैसे हार्ट प्रॉब्लम, बाल और त्वचा सम्बंधी बीमारियां होने लगती हैं। प्रेगनेंसी में मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। आयरन की कमी को एनीमिया भी कहा जाता है।
भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा एनेमिक
वर्ष 2016 में हुए एक सर्वे के अनुसार 58.6 फीसद बच्चे, 53.2 फीसद महिलाएं और 50.4 फीसद गर्भवती महिलाएं एनीमिक पाई गई हैं। भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया की समस्या ज्यादा पाई जाती है। एनएसएचएस के अनुसार, पिछले 50 वर्षों से एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम होने के बावजूद भारत में इस बीमारी से ज्यादा लोग परेशान हैं।
क्यों जरूरी है आयरन
आयरन यानी लौह तत्व शरीर के लिए बेहद जरूरी है। इससे रक्त में हीमोग्लोबिन बनता है। जो शरीर की मांसपेशियों व उतकों में आक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।
एनीमिया के लक्षण
आयरन की कमी से हाथ-पैर ठंडे पड़ने की शिकायत बढ़ जाती है।
चिड़िचड़ापन और त्वचा का रंग फीका पड़ने लगता है।
सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी होने लगती है।
स्किन ड्राई और नाखूनों का रंग सफेद होने लगता है।
सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
थकान, सिरदर्द और चक्कर आने की शिकायत होती है।
सीने में दर्द और धड़कन तेज होने लगती है।
गले में खराश और मुंह के किनारों पर फटने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
एनीमिया होने के कारण : वैसे तो 400 से अधिक प्रकार के एनीमिया पाए जाते हैं, लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में इसे तीन समूहों में बांटा गया है। जो इस तरह हैं।
रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में कमी के कारण
खून में कमी के कारण होने वाला एनीमिया
रेड ब्लड सेल्स के नष्ट होने के कारण होने वाला एनीमिया
एनीमिया किसे सबसे अधिक प्रभावित करता है
महिलाएं : मासिक धर्म और प्रसव के दौरान खून की कमी से एनीमिया हो सकता है।
1 से 2 वर्ष की आयु के बच्चे : शारीरिक विकास के लिए अधिक आयरन की आवश्यकता होती है।
शिशु : अगर मां एनिमिक है तो मां का दूध लेने वाले शिशुओं को कम आयरन मिलता है।
शरीर के लिए जरूरी आयरन की मात्रा : विशेषज्ञों के मुताबिक व्यक्ति के उम्र, लिंग व सेहत पर रोजाना आयरन की जरूरत की मात्रा का निर्धारण किया जाता है। महिलाओं को सबसे ज्यादा आयरन की जरूरत होती है। 4 से 13 साल की उम्र तक रोजाना 8 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। 19 से 50 साल तक की महिलाओं को रोजाना 18 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। जबकि समान उम्र के पुरुषों को रोजाना केवल 8 मिलीग्राम आयरन ही काफी है।
कैसे करें आयरन की कमी पूरी
वेजिटेरियन लोग अपने खाने में भरपूर मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों, लौकी व कद्दू के बीज, शिमला मिर्च, चुकंदर, अनार, अनाज को शामिल करके आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं। वहीं नॉन वेजिटेरियन आयरन की कमी को पूरा करने के लिए सी-फूड, चिकन व अंडे खाने में शामिल करें। अगर आयरन की कमी ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन की गोलियां व इंजेक्शन भी लिए जा सकते हैं।